Indian Railways: जच्चा-बच्चा को बचाने के लिए वापस लौटी ट्रेन, बची जान
लिए रेलवे ने बुधवार को अनोखी मिसाल पेश की। ट्रेन स्टेशन से छूट चुकी थी इसके बावजूद जच्चा-बच्चा की जान बचाने के लिए ट्रेन को वापस स्टेशन लाया गया। इसके कारण भले ही ट्रेन एक घंटे लेट हुई लेकिन गर्भवती महिला और उसके नवजात बच्चे की जान बच गई।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गर्भवती महिला और उसके नवजात बच्चे को बचाने के लिए रेलवे ने बुधवार को अनोखी मिसाल पेश की। ट्रेन स्टेशन से छूट चुकी थी इसके बावजूद जच्चा-बच्चा की जान बचाने के लिए ट्रेन को वापस स्टेशन लाया गया। इसके कारण भले ही ट्रेन एक घंटे लेट हुई लेकिन गर्भवती महिला और उसके नवजात बच्चे की जान बच गई।
ताजा मामला चक्रधरपुर मंडल के टाटानगर रेलवे स्टेशन का है। बुधवार सुबह तीन बजकर 55 मिनट पर 02820 आनंद विहार टर्मिनल से भुवनेश्वर स्पेशल ट्रेन पहुंची और 10 मिनट के ठहराव के बाद सुबह चार बजकर पांच मिनट पर ट्रेन को सिग्नल देकर रवाना किया गया। लेकर चार बजकर 12 मिनट पर ट्रेन स्कॉर्ट ड्यूटी में तैनात आरपीएफ के जवानों ने रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दी कि ट्रेन के बर्थ नंबर एस-5 के सीट संख्या 61 में एक गर्भवती महिला दर्द से तड़प रही है। संभवत: वह बच्चे को जन्म देने वाली है। इसके बाद रेलवे के अधिकारियों ने तत्काल वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी। तब तक ट्रेन खड़गपुर छोर की ओर टाटानगर रेलवे स्टेशन के आउटर तक पहुंच गई थी। इसके बावजूद रेलवे के वरीय अधिकारियों ने मानवता की मिसाल पेश की और ट्रेन को वापस स्टेशन पर लाने का निर्देश दिया। जिसे बाद ट्रेन को बैक किया गया। साथ ही इसकी सूचना आरआरआई के स्टेशन मास्टर को दी गई जिन्होंने मामले की सूचना सुबह सवा चार बजे रेलवे स्टेशन को दी। जिसके बाद एंबुलेंस के साथ डाक्टर को रवाना किया गया।
एंबुलेंस पहुंचती, तब तक ट्रेन को बैक कर वापस टाटानगर रेलवे स्टेशन पर लाया जा चुका था। सुबह चार बजकर 50 मिनट पर डाक्टर अपनी टीम के साथ पहुंचे और गर्भवती महिला की जांच की। इसके बाद डाक्टर ने गर्भवती महिला और उसके परिजन को ट्रेन से उतारकर सुबह पांच बजकर पांच मिनट पर सदर अस्पताल पहुंचाया। जहां गर्भवती महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इस पूरे मामले में ट्रेन एक घंटे विलंब हो गई और फिर ट्रेन को सुबह पांच बजकर 10 मिनट पर टाटानगर रेलवे स्टेशन से भुवनेश्वर के लिए रवाना किया गया।