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Raksha Bandhan : ट्रेन व बसों का परिचालन बंद, डाक विभाग की गाड़ियां बनी सहारा

Raksha Bandhan. कोरोना का असर रक्षाबंधन पर भी दिखने लगा है। अबतक कोल्हान से 90 हजार राखियां भेजी गई हैं जबकि कोल्हान में दूसरे राज्यों से डेढ़ लाख राखियां आई हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 01:05 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 01:05 PM (IST)
Raksha Bandhan :  ट्रेन व बसों का परिचालन बंद, डाक विभाग की गाड़ियां बनी सहारा
Raksha Bandhan : ट्रेन व बसों का परिचालन बंद, डाक विभाग की गाड़ियां बनी सहारा

जमशेपुर, गुरदीप राज।  कोरोना का असर रक्षाबंधन पर भी दिखने लगा है। तीन अगस्त को रक्षाबंधन है और अब तक पूरे कोल्हान से करीब 90 हजार राखियां ही यहां की बहनों ने अपने भाइयों के लिए डाक से भेजवाई है, जबकि पिछले वर्ष करीब ढाई लाख राखियां कोल्हान से दूसरे राज्यों में भेजी गई थी।

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कोरोना संक्रमण के कारण ट्रेन व बस का परिचालन नहीं हो रहा है। इस बार डाक विभाग अपनी ही गाड़ियों से राखियों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम कर रहा है। कोल्हान से राखियों को डाक विभाग की गाड़ियां लेकर रांची तक जा रही हैं और वहां से फिर दूसरी गाड़ी से आगे राखियों को भेजा जा रहा है। दूसरे राज्यों से कोल्हान में आने वाली वाली राखियों की संख्या करीब डेढ़ लाख है। जबकि पिछले वर्ष तीन लाख के करीब  राखियां दूसरे राज्यों से कोल्हान पहुंची थी। बिष्टुपुर स्थित मुख्य डाकघर के अंतर्गत आने वाले 46 डाकघरों में भी इस बार राखियों के सामान्य रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट की संख्या कम ही देखी गई। पिछली बार यहां से करीब 15 हजार राखियों को भेजा गया था। जबकि इस बार मात्र पांच हजार ही राखियों की रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट की गई है।

विलंब से पहुंच रही राखियां

डाक विभाग के लाख प्रयास के बावजूद राखियां गंतव्य तक विलंब से पहुंच रही है। कोरोना संक्रमण के कारण फ्लैट के अंदर, कंटेनमेंट जोन के अंदर, ग्रामीण क्षेत्र में डाकियों को प्रवेश करने से रोका जा रहा है। कोरोना संक्रमण का भय के कारण लोग डाकिए के संपर्क से दूर ही रहना चाहते हैं। डाकिए को गंतव्य तक राखियां पहुंचाने में भी परेशानी हो रही है। सोनारी निवासी सुषमा ने 13 जून को पटना अपने भाई के यहां राखी भिजवाई थी लेकिन राखी अब तक नहीं मिल पाई है। इसको लेकर कई बार सुषमा ने बिष्टुपुर डाक विभाग के कार्यालय में पूछताछ भी की।

22 रुपये में राखी पहुंच रही देश के दूसरे कोने तक

डाक विभाग में 20 ग्राम वजन वाली राखी की रजिस्ट्री 22 रुपये में और 20 से 40 ग्राम वाली राखी की रजिस्ट्री 27 रुपये में हो रही है। यह राखी देश के किसी भी राज्य के शहर में इतने ही रकम में भेजी जा जा रही है। जबकि 20 ग्राम वजन की राखी  के स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजने पर 42 रुपये लिए जा रहा है। 20 से 50 ग्राम के स्पीड पोस्ट की राखियां भेजने पर भी 42 रुपये भी चार्ज किया जा रहा है।

दस रुपये का राखी लिफाफा उपलब्ध

डाक घरों में दस रुपये का राखी लिफाफा डाकघरों में उपलब्ध है। अपने भाइयों को राखियां भेजने के लिए उक्त लिफाफे में भी राखियां भर कर बहनों अपने भाइयों को भेज रही है।

90 हजार राखियां ही भेजी गई है

इस बार कोरोना संक्रमण का इफेक्ट रक्षा बंधन पर भी साफ दिखाई दे रहा है। कोल्हान से दूसरे राज्यों के लिए करीब 90 हजार ही राखियां  भेजी गई है। जबकि पिछले वर्ष इसकी संख्या करीब ढाई लाख के करीब थी। ट्रेन व बस का परिचालन नहीं होने से डाक विभाग की गाड़ियां ही राखियां गंतव्य तक पहुंचा रही है।

- अजय कुमार सिंह सार्टिंग असिस्टेंट रेलवे मेल सर्विस


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