Tokyo Olympics 2020 : यूं ही नहीं गढ़ी गई टोक्यो ओलंपिक में सफलता की कहानी, इस राज्य ने निभाई अहम भूमिका
Tokyo Olympics 2020 टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन क्या आपको पता है इस सफलता के पीछे पूर्वी भारत के एक राज्य का हाथ है। जब कोई टीम को प्रायोजक नहीं मिल रहा था तो इस राज्य ने हाथ आगे बढ़ा मदद की।
जमशेदपुर, जासं। टोक्यो ओलिंपिक ना केवल भारतीय खेल क्षेत्र में सबसे बड़े दल को भेजने के लिए याद किया जाएगा, बल्कि विभिन्न प्रकार के खेल आयोजनों में खिलाड़ियों के उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए भी यादगार रहेगा। शायद बहुत कम लोगों को पता है कि हॉकी की महिला व पुरुष टीमों को ओडिशा सरकार ने प्रायोजित किया है। ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पुरुष और महिला हॉकी टीमों का प्रवेश विशेष रूप से प्रभावशाली रहा है।
भारतीय हॉकी टीम को भले ही टोक्यो ओलंपिक में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन उसने हर भारतीय का दिल जीत लिया। आज हम चार दशक से अधिक के अंतराल के बाद हॉकी के क्षेत्र में भारत के प्रदर्शन के पीछे की सफलता की कहानी पर नजर डालते हैं, तो इसका गौरवशाली अतीत रहा है। इससे पहले हम विशेष विवरण में उतरें, आप सभी ने देखा होगा कि ओलिंपिक के दौरान जब पुरुष और महिला हॉकी खिलाड़ी मैदान में अपना दमखम दिखा रहे थे, तो लोगों की नजर उनकी जर्सी पर भी थी। जर्सी के आगे की ओर बड़े-बड़े अक्षरों में ओडिशा लिखा हुआ था।
भारतीय हॉकी का ओडिशा से है गहरा संबंध
भारतीय महिला हॉकी टीम द्वारा टोक्यो ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में तीन बार की हॉकी विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रचा। इन बेहतर क्षणों के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने खिलाड़ियों के लिए वीडियो के माध्यम से बधाई संदेश भेजा। दोनों हॉकी टीमों की सफलता ओडिशा के लिए विशेष महत्व रखती है। इसकी एक वजह यह भी है कि पुरुष व महिला हॉकी टीमों के वर्तमान उपकप्तान ओडिशा से हैं। भारतीय पेशेवर धावक दुती चंद की तरह ओडिशा ने पिछले कुछ वर्षों में कई राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी तैयार किए हैं। राज्य ने एक साथ खेल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए महिला व पुरूष हाॅकी की राष्ट्रीय टीमों को भी प्रायोजित किया है। यह किसी भी राज्य के लिए विशेष गौरव की बात है।