ओलिंपिक पदक विजेता चानू बोली, अब खूब खाऊंगी पिज्जा, इस कंपनी ने जिंदगी भर फ्री पिज्जा खिलाने की कर दी घोषणा
Tokyo Olympics 2020 वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला पदक दिलाया। उन्होंने भारोत्तोलन ने रजत जीता। जीत के बाद चानू ने कहा अब मैं पिज्जा खाऊंगी। बस क्या था डोमिनोज ने जिंदगी भर फ्री पिज्जा डिलीवरी का ऑफर दे डाला।
जमशेदपुर, जासं। आप सोचते होंगे कि बड़े-बड़े खिलाड़ी शरीर से जितने मजबूत होते हैं, उनका दिल भी उतना ही कठोर और परिपक्व होता होगा। वास्तव में ऐसा नहीं है। भारोत्तोलन में टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने के बाद चानू की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जब उनसे एक टीवी पत्रकार ने पूछा कि अब आप कौन सी इच्छा पूरी करना चाहेंगी, तो बच्चों की तरह खिलखिलाते हुए चानू ने कहा कि अब तो मैं सबसे पहले ढेर सारा पिज्जा खाऊंगी।
जैसे ही मीराबाई ने पदक जीतने के बाद कहा कि वह पिज्जा खाना चाहती हैं, डोमिनोज ने उसी समय शनिवार को मीराबाई के घर पिज्जा भेज दिया। हालांकि मीराबाई रविवार को अपने घर लौटीं, तो डोमिनोज ने उनके घर दोबारा पिज्जा भेज दिया। इसके साथ ही रेस्टोरेंट चेन डोमिनोज ने यह घोषणा कर दी कि वह सैखोम मीराबाई चानू को जीवनभर मुफ्त पिज्जा खिलाएंगे। वह जितना पिज्जा खाना चाहें, जैसा खाने चाहें, कंपनी उन्हें पिज्जा पहुंचाती रहेगी।
दरअसल चानू के एक फैन के ट्वीट के जवाब में डोमिनोज ने कहा, ‘आपने कहा और हमने सुन लिया। हम कभी नहीं चाहते कि मीराबाई चानू फिर से खाने के लिए प्रतीक्षा करें। इसलिए हम उन्हें जीवनभर के लिए मुफ्त पिज्जा दे रहे हैं।’ डोमिनोज ने कहा कि कि देश में मेडल लाने के लिए बधाई। आपने एक अरब से ज्यादा भारतीयों के सपने को साकार किया है और हमारे लिए इससे ज्यादा खुशी की बात नहीं होगी कि हम आपको आजीवन पिज्जा मुफ्त में दें।'
मीराबाई चानू को मिल चुका पद्मश्री
टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला भारोत्तोलक या वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वजन उठाकर रजत पदक जीतकर इतिहास रचा है। वेटलिफ्टिंग में उन्होंने दूसरी बार भारत के लिए पदक जीता है। वह 2014 से ही 48 किलोग्राम भारोत्तोलन प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं। चानू ने विश्व चैंपियनशिप तथा राष्ट्रमंडल खेलों में भी पदक जीता है। उन्हें खेल के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार से 2018 में पद्मश्री भी मिल चुका है।
इम्फाल में हुआ जन्म
मीराबाई चानू का जन्म आठ अगस्त 1994 को मणिपुर के इम्फाल में हुआ था। 1.50 मीटर लंबी चानू का अपना वजन भी 49 किलोग्राम है। इस तरह से उन्होंने अपने ही शरीर के बराबर वजन उठाया, जो वाकई हैरान करने वाला प्रदर्शन है। इनकी माता साइकोह ऊंगबी तोम्बी लीमा पेशे से दुकानदार हैं, जबकि पिता साइकोह कृति मैतेई लोक निर्माण विभाग में नौकरी करते हैं।