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इन उपायों से आप नहीं होंगे साइबर अपराधियों के शिकार, जरूर आजमाएं

आप एहतियात बरत कर साइबर अपराधियों का शिकार हाेने से बच सकते हैं। आइए आपको देते हैं साइबर क्राइम का शिकार होने से बचने के टिप्स।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 28 Dec 2018 06:31 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 06:31 PM (IST)
इन उपायों से आप नहीं होंगे साइबर अपराधियों के शिकार, जरूर आजमाएं
इन उपायों से आप नहीं होंगे साइबर अपराधियों के शिकार, जरूर आजमाएं

जमशेदपुर, जेएनएन। साइबर क्राइम देश-दुनिया की बड़ी समस्या बन गई है। रोज आम ओ खास साइबर अपराधियों का निशाना बन रहे हैं। साइबर अपराध पर लगाम के लिए कोशिशें नाकाफी सिद्ध हो रही है। आप एहतियात बरत कर साइबर अपराधियों का शिकार हाेने से बच सकते हैं। आइए आपको देते हैं साइबर क्राइम का शिकार होने से बचने के टिप्स।

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- अगर आप नेट बैंकिंग कर इस्तेमाल करते है तो अपने खाते से जोड़े गए मोबाइल पर बैंक द्वारा भेजे गए ओटीपी यानी वन आइ पासवर्ड किसी से साझा न करें।

- अपने नेट बैंकिंग और एटीएम का पासवर्ड निरंतर बदलते रहें।

- बैंक अकाउंट से होनेवाले वाले ट्रांजेक्शन पर लगातार नजर बनाए रखें और वैसे ट्रांजेक्शन की सूचना तुरंत बैंक को दें जो आपकी जानकारी के बगैर हो।

- अगर कोई अनजान व्यक्ति फोन कर अपने आप को बैंक या पिफर किसी अन्य सरकारी संस्था से संबद्ध होने का दावा करता है तो उसके झांसे में न आएं और देरी किए बगैर इसकी सूचना संबंधित संस्था और निकट की पुलिस चौकी को दें।

-बैंक परिसर एवं सुरक्षा गार्ड से युक्त एटीएम का इस्तेमाल करने प्रयास करें। एकांत में एवं बगैर सुरक्षा गार्ड वाले एटीएम साइबर ठगों का सुरक्षित जोन है जहां वे आसानी से स्कीमर लगाकर आपका डेटा चोरी कर सकते हैं एवं आपके कार्ड का क्लोन बनाकर उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

- किसी अनजान व्यक्ति से एटीएम परिसर में मदद नहीं लें। वे आपका कार्ड एवं पासवर्ड चोरी कर सकते हैं।

-एटीएम एवं पीओएस मशीन का प्रयोग करते समय पिन कोड डालते वक्त की-पैड को अपने दूसरे हाथ से ढक कर रखें ताकि कोई अन्य व्यक्ति या पिफर आसपास लगाया गया कैमरा आपका पासवर्ड न देख ले।

-अनजान व्यक्ति आपको सोशल मीडिया या पिफर फोन के माध्यम से संपर्क किया है या किसी यात्रा के दौरान आपसे मिला हो, उसके लुभावने व्यापारिक प्रलोभन में न फंसे।

-मोबाइल पर अनजान व्यक्तियों के वैसे प्रलोभन से बचें जिसमें आपको लाखों रुपये या पिफर महंगी कार का विजेता बताया जाता है।

-इंटरनेट के माध्यम से इस्तेमाल किए जानेवाले किसी भी अकाउंट जैसे bank account, social media account या e mail id का यूजर आइडी एवं पासवर्ड किसी भी परिस्थिति में किसी परिचित या अपरिचित व्‍यक्ति से साझा न करें।

- हर अकाउंट का पासवर्ड अल्फा न्यूमेरिक यथा अंग्रेजी के कैपिटल लेटर, स्मॉल लेटर, अंक 0-9 तथा प्रतीक चिन्‍हों @, #, $ आदि के मिश्रण से बनाएं।

-यूजर आइडी एवं पासवर्ड को कहीं लिखकर रखने के बजाय उसे याद रखने का प्रयास करें।

- किसी भी अनजान व्यक्ति की फ्रैंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें जबतक कि उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल न कर लें।

-अगर कोई व्यक्ति आपको गलत मैसेज भेज रहा है तो उसके नंबर को तुरंत ब्लॉक कर दें।

-सोशल नेटवर्किंग साइट पर भूलकर भी अपना मोबाइल नंबर शेयर न करें।

-अपने हर अकाउंट का एक पासवर्ड रखने की बजाय अलग-अलग पासवर्ड रखें।

- पिफशिंग का शिकार होने से बचें। यह एक ऐसा कामन मेथड है जिसका उपयोग हैकर किसी के अकाउंट के लॉगिन आइडी और पासवर्ड चुराने के लिए करते हैं। इस मेथड में हैकर किसी वेबसाइट का लॉग इन पेज के जैसे दिखनेवाना डुप्लीकेट लॉग इन पेज तैयार करते हैं और विक्टिम को डुप्लीकेट लॉग इन पेज के द्वारा लॉग इन कराने की कोशिश करता है। अगर विक्टिम डुप्लीकेट पेज के द्वारा लॉग इन करता है तो यूजर का आइडी और पासवर्ड हैकर के पास चला जाता है।

- टू स्‍टेप वेरीपिफकेशन का प्रयोग करें जिससे किसी अकाउंट में लॉग इन करते हैं तो आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। उस ओटीपी का प्रयोग करके ही आप अपने अकाउंट में लॉग इन कर सकते हैं।

-अपने मोबाइल एवं इलेक्ट्रानिक गैजेट का स्क्रीन लॉक रखें ताकि अगर आपका मोबाइल किसी गलत हाथ में चला जाए तो उसमें मौजूद आपका व्यक्तिगत डाटा चोरी न हो।

-एटीएम कार्ड नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर अगर कोई अनजान व्यक्ति फोन या पिफर ईमेल के माध्यम से मांगे तो उसे नहीं दें।  


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