Tinplate Jamshedpur: वीआरएस कर्मचारी संघ ने कहा- टिनप्लेट प्रबंधन सार्वजनिक करे वीआरएस का एग्रीमेंट
Tinplate Jamshedpur. वीआरएस कर्मचारियों और निबंधित कर्मचारी पुत्रों ने प्रबंधन के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने श्रमायुक्त को बताया कि वे कंपनी के मान्यता प्राप्त यूनियन की सहमति से कंपनी में नियोजन की प्रक्रिया करते हैं।
जमशेदपुर, जासं। टिनप्लेट कंपनी प्रबंधन 20 साल पहले अपने कर्मचारियों को दिए गए वीआरएस एग्रीमेंट को सार्वजनिक करे। यह कहना है वीआरएस कर्मचारी संघ के संरक्षक डॉ पवन पांडेय का। मानगो स्थित कार्यालय में शुक्रवार को हुई बैठक में सभी बीआरएस कर्मचारियों और निबंधित कर्मचारी पुत्रों ने प्रबंधन के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने श्रमायुक्त को बताया कि वे कंपनी के मान्यता प्राप्त यूनियन की सहमति से कंपनी में नियोजन की प्रक्रिया करते हैं।
जमशेदपुर के उप श्रमायुक्त द्वारा टिनप्लेट कर्मचारी मंच के द्वारा यह मांग की गइ थी कि वर्तमान समय में कंपनी में 150 कर्मचारियों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू की गई हैं। यह बहुत ही स्वागत योग्य एवं कर्मचारियों के हित में कंपनी प्रबंधन द्वारा उठाया गया कदम है। लेकिन कंपनी प्रबंधन द्वारा लगभग 20 वर्ष पूर्व अपने कर्मचारियों को वीआरएस देते वक्त किए गए वादा किया था कि यदि टिनप्लेट कंपनी बंद होने से बच जाती है आैर भविष्य में कंपनी को नये कर्मचारियों की नियोजन की आवश्यकता होगी तो सबसे पहले वीआरएस लिए हुए कर्मचारियों के आश्रितों को प्राथमिकता दी जायेगी। जबकि आज जब कंपनी की ओर से 150 कर्मचारियों की बहाली निकाली गई है उसमें कहीं भी वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों के आश्रितों की प्राथमिकता की बात नहीं कही गई है। इसके आलोक में श्रमायुक्त को कंपनी ने जवाब दिया है कि वो अपने मान्यता प्राप्त यूनियन के साथ मिलकर बहाली की प्रक्रिया शुरू की है और भविष्य में कोई बहाली निकलेगी तो अपने कर्मचारियों के आश्रित उनके प्रक्रिया को पूरा करते हुए आवेदन करना होगा। कंपनी ऐसे ही क्षमता से अधिक कर्मचारियों के कारण परेशान हैं।
कंपनी के इस जवाब को लेकर आज टिनप्लेट वीआरएस कर्मचारी मंच की प्रमुख सदस्यों की बैठक मंच के संरक्षक डाँ पवन पाण्डेय के कार्यालय पर हुई। हमें यह बात समझ नहीं आ रही है कि जब कंपनी को मजदूर चाहिए और कंपनी ने अपने मजदूरों को वीआरएस देते समय वादा भी खुद किया था और मजदूर अपने आश्रितों को भी मजदूर ही बनाने की मांग कर रहे हैं ना कि आफिसर बनाने की मांग कर रहे हैं। इसलिए हमलोग इस बात को नहीं मानेंगे। हम अगली बारी के इंतजार में और 20 साल नहीं रुकेंगे। हमें अपना अधिकार चाहिए और इसी बार चाहिए। चाहे इसके लिए हम सभी को जितना भी संघर्ष करना पडे। हम सभी संघर्ष करेंगे। लेकिन अपना अधिकार किसी भी कीमत पर लेकर ही रहेंगे।