बागबेड़ा जलापूर्ति योजना पर खतरे के बादल
बागबेड़ा वृहत जलापूर्ति योजना पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसके वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए गिदीझोपड़ी में ली गई जमीन विवाद के घेरे में है। नाइजीरिया से आ रही विश्व बैंक की टीम इस बात की पड़ताल करेगी कि योजना के क्रियांवयन से स्थानीय ग्रामीणों को क्या नुकसान हुआ है। अगर टीम ने विश्व बैंक के निदेशक मंडल को मामले की ऋणात्मक रिपोर्ट पेश की तो वर्ल्ड बैंक बागबेड़ा जलापूर्ति योजना की वित्तीय सहायता वापस ले सकता है। ऐसा हुआ तो बागबेड़ा जलापूर्ति योजना संकट में आ जाएगी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बागबेड़ा वृहत जलापूर्ति योजना पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसके वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए गिदीझोपड़ी में ली गई जमीन विवाद के घेरे में है। नाइजीरिया से आ रही विश्व बैंक की टीम इस बात की पड़ताल करेगी कि योजना के क्रियांवयन से स्थानीय ग्रामीणों को क्या नुकसान हुआ है। अगर टीम ने विश्व बैंक के निदेशक मंडल को मामले की ऋणात्मक रिपोर्ट पेश की तो वर्ल्ड बैंक बागबेड़ा जलापूर्ति योजना की वित्तीय सहायता वापस ले सकता है। ऐसा हुआ तो बागबेड़ा जलापूर्ति योजना संकट में आ जाएगी।
वर्ल्ड बैंक की अधिकारी इमराना जलाल के नेतृत्व में टीम के आने की जानकारी मिलने के बाद सरकार की नींद उड़ी हुई है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी पंचायत के मुखिया व पंचायत समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर जांच का सामना करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। योजना के तहत गिदी झोपड़ी में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का मामला तूल पकड़ गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ये जिला संविधान की पांचवीं अनुसूची में है। इसलिए बिना ग्राम प्रधान की अनुमति के किसी भी योजना के लिए जमीन नहीं ली जा सकती। टीम इसकी जांच करेगी। टीम में जान माटसन, आपरेशंस आफिसर तमारा मिल्सटजैन और रिसर्च असिस्टेंट रुपेस दलाई भी हैं। टीम के अधिकारी 13 दिसंबर से 18 दिसंबर तक प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। 15 दिसंबर को दोपहर बाद विश्व बैंक के अधिकारी रांची से आकर जमशेदपुर में गिदी झोपड़ी के ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी शिकायत समझेंगे। 16 दिसंबर को पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक है। 17 दिसंबर को सुबह नौ बजे से साढ़े 10 बजे तक उपायुक्त, अंचल अधिकारी, एडीसी और जिला कल्याण अधिकारी के साथ बैठक होगी। इसमें गिदीझोपड़ी में भूअर्जन की प्रक्रिया का मामला उठेगा। इसी दिन 11 बजे से एक बजे तक जिला योजना शाखा के अधिकारियों के साथ बैठक होगी। 18 दिसंबर को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक रांची में झारखंड स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के साथ विश्व बैंक की बैठक होगी। इसके बाद साढ़े 12 बजे से दो बजे तक पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव और प्रोजेक्ट डायरेक्टर के साथ विश्व बैंक के अधिकारी बैठक करेंगे। ढाई बजे से साढ़े तीन बजे तक समाज कल्याण विभाग के सचिव के साथ बैठक होगी।
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कैसे बना 135 एलपीसीडी का प्लांट
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडब्ल्यूएस) ने बागबेड़ा जलापूर्ति योजना में विश्व बैंक के नियम का उल्लंघन किया है। विश्व बैंक का नियम है कि 135 लीटर पर कैपिटा पर डे (एलपीसीडी) क्षमता की जलापूर्ति योजना सीवरेज सिस्टम वाले शहर में ही स्थापित होगी। जिस कस्बे में सीवरेज सिस्टम नहीं है, वहां 70 लीटर पर कैपिटा पर डे क्षमता से अधिक की जलापूर्ति योजना स्थापित नहीं की जा सकती। बागबेड़ा में सीवरेज सिस्टम नहीं है। फिर भी विश्व बैंक को अंधेरे में रखते हुए 135 एलपीसीडी क्षमता की जलापूर्ति योजना स्थापित की जा रही है।
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नाइजीरिया से विश्व बैंक की टीम आ रही है। इसे लेकर हमारी तैयारी चल रही है। जांच टीम के सामने जमीन अर्जन के दस्तावेज रखे जाएंगे।
सदानंद मंडल, अधीक्षण अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग