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Swatantrata Ke Sarthi : गांव एवं छात्रों के सर्वांगीण विकास में जुटा यह शिक्षक

Swatantrata Ke Sarthi.पोटका के टांगराईन मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी अपने वेतन का 15 प्रतिशत हिस्सा गरीब छात्रों के उत्थान में खर्च करते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 08:56 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 08:56 AM (IST)
Swatantrata Ke Sarthi : गांव एवं छात्रों के सर्वांगीण विकास में जुटा यह शिक्षक
Swatantrata Ke Sarthi : गांव एवं छात्रों के सर्वांगीण विकास में जुटा यह शिक्षक

जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। हम एक ऐसे शिक्षक की बात कर रहे हैं, जो झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड के पिछड़े इलाकों में रहनेवाले सबर बच्चों, गरीब ग्रामीणों, आदिवासियों और वनवासियों के बीच घूमते और शिक्षा की लौ जगाते हुए दिखते हैं। इसके अलावा सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाते हैं। वे अपने वेतन का कम से कम 15 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करते हैं। वैसे होनहार छात्र जो आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ाई करने से वंचित हो जाते हैं, उनका सहयोग वे किसी न किसी रूप में करते हैं।

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यह शिक्षक स्वतंत्रता के सारथी के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस शिक्षक का नाम है अरविंद तिवारी। इन्हें इस इलाके के सबसे प्रयोगधर्मी और उद्यमी शिक्षकों में शुमार किया जाता है। ये एक ऐसे शिक्षक हैं, जो न केवल अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं, बल्कि जो कठिन से कठिन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भी बिल्कुल सरल तरीके अपनाते हैं और उनकी पद्धतियां और कार्यविधियां धरातल पर चमत्कारिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं और कुछ आश्चर्यजनक नतीजे भी देती हैं। इस इलाके से बाहर अबतक उनके योगदान और उपलब्धियों के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते। अबतक उन्हें वह प्रसिद्धि नहीं मिल सकी है, जो शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें मिलनी चाहिए थी, लेकिन अपने कार्यक्षेत्र में वे निश्चित रूप से अपनी सकारात्मकता और उद्यमिता के लिए विशेष पहचान बना चुके हैं।

छात्रों के हाथों में विद्यालय की सुरक्षा

कल्पना कीजिए कि जमशेदपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर पोटका के जंगलों के बीच झारखंड राज्य सरकार द्वारा संचालित एक मिडिल स्कूल में एक कंप्यूटर लैब, तीरंदाजी कोचिंग की सुविधा, तैराकी कोचिंग की सुविधा, भाषा प्रयोगशाला और बागवानी की कक्षाएं भी उपलब्ध हैं।अरविंद तिवारी टांगराईन मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। इस स्कूल का कायाकल्प करने वाले इस शिक्षक के कारण ग्रामीणों ने इसे एक उच्च विद्यालय में परिणत करने की ठानी है। पिछले दिनों ग्रामीणों ने आपसी योगदान से आर्थिक सहायता जुटाकर विद्यालय को 12 कट्टा जमीन दान किया, ताकि विद्यालय में चारदीवारी, मैदान एवं सम्बंधित निर्माण कार्य किये जा सके। इसे विद्यालय के प्रति बढ़ते भरोसे का एक पुख्ता उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है। निजी स्कूल तारापोर स्कूल एग्रिको की मदद से यहां कंप्यूटर लैब की स्थापना की गई। यह पहला मिडिल स्कूल है जहां कंप्यूटर लैब स्थापित है। इस विद्यालय की सुरक्षा भी छात्रों के हाथों में है।

अरविंद तिवारी की पहलकदमियां एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांगराईन की उपलब्धियां

1 पहला सरकारी विद्यालय जिसकी अपनी वेबसाइट है – डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटटंगराइनडॉटइन

2. पोटका प्रखंड का एकमात्र सरकारी विद्यालय, जहां स्काउटस एंड गाइड की यूनिट है।

3. पहला सरकारी विद्यालय जहां तीरंदाजी एवं तैराकी का कोच की देखरेख में प्रशिक्षण होता है।

4. पहला सरकारी विद्यालय जिसमें प्रधानाध्यापक के निजी प्रयास से विद्यालय में भाषा प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है ,जहां नियमित रुप से भूमिज ,संथाली एवं बांग्ला की पढ़ाई होती है

5. बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कहो पहाड़ा व पहाड़ा रैली का आयोजन किया । इसके लिए बच्चों को मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाया। बच्चों को पहली बार रेल या़त्रा करायी।

6. स्कूल में माहवारी स्वच्छता के लिए बच्चियों के लिए पैंड बैंक बनाया। जागरुकता के लिए मल्टीप्लेक्स में फिल्म पैडमैन दिखायी।

7. सृजन क्षमता के विकास के लिए सुनो कहानी कार्यक्रम शुरू किया गया।

8. तीन दिवसीय कहानी मेला का आयोजन किया, जिसमें शहर के प्रसि़द्ध साहित्यकारों ने शिरकत की ।

9. दीवार पत्रिका का किया प्रकाशन।

10. बच्चों के लिए प्रत्येक माह 15 से अधिक बाल पत्रिकाएं बच्चों को उपलब्ध करायी जाती हैं।

11. बच्चों में शारीरिक क्षमता के विकास तथा पुलिस व सेना की नौकरी के प्रति जागरुकता के लिए मिशन आर्मी शुरू किया।

12. बच्चों में पोषण के प्रति जागरुकता एवं खेती के प्रति रुचि जगाने के लिए पोषण मेला का आयोजन किया।


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