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Coronavirus updates : साथी की मौत से गम में डूबी है ये नर्स फिर भी मरीजों की जान बचा रही

covid-19 updates तीन नर्सों की जोड़ी में एक बिछड़ गई। अब दो नर्स उसके गम में डूबी है। एक का नाम सिस्टर एलिस तो दूसरा का नाम सिस्टर के कुजूर है। जबकि तीसरी मृतक नर्स का नाम संगीता उरांव है। तीनों मिलकर एमजीएमअस्पताल की इमरजेंसी विभाग संभालती थी।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 04:15 PM (IST)
Coronavirus updates : साथी की मौत से गम में डूबी है ये नर्स फिर भी मरीजों की जान बचा रही
साथी की मौत से गम में डूबी है ये नर्स फिर भी मरीजों की जान बचा रही

अमित तिवारी, जमशेदपुर : तीन नर्सों की जोड़ी में एक बिछड़ गई। अब दो नर्स उसके गम में डूबी है। एक का नाम सिस्टर एलिस तो दूसरा का नाम सिस्टर के कुजूर है। जबकि तीसरी मृतक नर्स का नाम संगीता उरांव है। तीनों मिलकर महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी विभाग संभालती थी। कभी किसी तरह की शिकायत नहीं आए, इसके लिए 24 घंटे तत्पर रहती थी लेकिन बीते सोमवार को इनकी जोड़ी टूट जाएगी, इसका अंदेशा किसी को नहीं था।

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शुरुआती जांच में पाई गई थी निगेटिव

संगीता उरांव में कोरोना के लक्षण मौजूद थे लेकिन पूर्व में कराई गई जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई थी। सोमवार की शाम अचानक उनकी तबीयत खराब हुई। इसके बाद उन्हें एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उनकी मौत हो गई। यह घटना पूरे अस्पताल को झकझोर दिया लेकिन सबसे अधिक अगर किसी को तकलीफ हुई तो वह सिस्टर एलिस व के. कुजूर हैं। क्योंकि ये तीनों एक ही विभाग में तैनात थी, इसलिए इनका समय अधिक साथ में बीतता था। अब दोनों गम में डूबी हुई है। लेकिन, ड्यूटी पर भी डटी हुई है।

दुखी हूं लेकिन मरीजों की जान भी तो बचानी है

सिस्टर एलिस कंडुलना इमरजेंसी विभाग की इंचार्ज है। बुधवार को वे व सिस्टर के. कुजूर इमरजेंसी विभाग में ड्यूटी पर तैनात थी लेकिन, दोनों उदास थी। सिस्टर एलिस कहती है कि काम करने का मन नहीं कर रहा लेकिन, यह समय पीछे हटने का नहीं है। हमारी जिम्मेवारी बड़ी है, एक-एक मरीजों की जान बचाना हमारा धर्म है। कोरोना काल में अगर हमलोग पीछे हट जाएंगे तो मरीजों की जान भला कैसे बचेगी।

लोगों को भी समझनी होगी हमारी जान की कीमत

सिस्टर एलिस कहती है कि कोरोना काल में जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को छूने से डर रहा है वहीं, हमलोग 24 घंटे मरीजों की बीच में रहकर उनकी जान बचा रहें है। ऐसे में लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। अगर वे लोग कम संक्रमित होंगे तो अस्पताल में भीड़ कम होगी। इससे नर्स भी कम संक्रमित होगी और मरीजों की सेवा अच्छे ढंग से कर पाएगी। ऐसे में सभी लोगों से अपील करती हूं कि सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश का पालन करें। ताकि कोरोना वायरस के चेन को तोड़ा जा सकें।


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