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है सोलहो आने सच: जी हां, यहां ताउम्र नौकरी रहती है सुरक्षित Jamshedpur News

ये हैैं टेल्को ट्रांसपोर्ट कंपनी एसोसिएशन (टीटीसीए) में सूचीबद्ध कान्वाई चालक। टाटा मोटर्स के चेसिस के पहुंचाने वाले चालकों को मिलती यह सुविधा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 09:44 AM (IST)
है सोलहो आने सच: जी हां, यहां ताउम्र नौकरी रहती है सुरक्षित Jamshedpur News
है सोलहो आने सच: जी हां, यहां ताउम्र नौकरी रहती है सुरक्षित Jamshedpur News

जमशेदपुर, अरविंद श्रीवास्तव। जी हां, यहां ताउम्र नौकरी सुरक्षित है। न तो यहां निलंबन है और न ही नौकरी जाने का भय। ये हैैं टेल्को ट्रांसपोर्ट कंपनी एसोसिएशन (टीटीसीए) में सूचीबद्ध  कान्वाई चालक। जो टाटा मोटर्स से निकलने वाले भारी वाहनों को जमशेदपुर से देश के कोने-कोने में पहुंचाने का काम करते हैैं। कंपनी में फिलहाल 975 कान्वाई चालक हैं। 

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जो कर्मचारी बुजुर्ग हो चले हैैं, उनके नाम से आवंटित गाड़ी दूसरा चालक चलाते हैैं। इसके बावजूद आवंटित चालक को वेतन, भत्ता और मेडिकल की सुविधाएं मिलती हैं। कंपनी में यह परंपरा शुरू से ही चली आ रही है। इसमें रिटायरमेंट की उम्र सीमा निर्धारित नहीं की गई है। 80 साल के बुजुर्ग चालक सिर्फ  बुकिंग पत्र पर साइन करने के लिए आते हैं। ऐसी सुविधा शायद ही विश्व की किसी कंपनी में हो। मरणोपरांत चालकों के परिजन के नाम स्वयं निबंधन हो जाते हैं।

 1971 में बनी टीटीसीए 

1971 से पूर्व टाटा मोटर्स के चेसिस को डीलर के माध्यम से भेजा जाता था। उसमें कान्वाई चालकों को लेकर खींचतान होती थी। कभी समय पर चालक नहीं होते तो वाहन तय सीमा के अंदर गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते। ऐसे में कंपनी प्रबंधन व जिला प्रशासन की पहल पर 1971 में टीटीसीए का गठन किया गया। उस समय कुल सात ट्रांसपोर्टरों के साथ कुल 650 कान्वाय चालकों को सूचीबद्ध किया गया था। 1985 में चालकों की संख्या 650 से बढ़कर 975 हो गई। फिलहाल ट्रांसपोर्टरों की संख्या 11 है। 

ये है सुविधा

टीटीसीए के सूचीबद्ध चालक ही टाटा मोटर्स के वाहनों को उसके गंतव्य तक ले जाते हैं। इनसे बचे चेसिस को ही ट्रांसपोर्टर के ड्राइवर दूसरे जगह पहुंचाते हैैं। सूचीबद्ध चालक अपने नाम से बुक चेसिस को दूसरे चालक के माध्यम से भेजते हैं। उन्हें घर बैठे गाडिय़ां पहुंचाने के एवज में पैसे मिलते हैं तथा गैर-सूचीबद्ध चालकों को मामूली मेहनताना ही मिल पाता है। टीटीसीए में लगभग 20 फीसद ऐसे चालक है, जो बगैर काम के पगार लेते हैैं।  टीटीसीए में 60 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब 200 चालक हैं तो 80 से ऊपर वालों की संख्या 25 होगी। चालकों को साल में एक बार वर्दी, जूता व चश्मा मिलता है। 

सिर्फ यहां रिप्लेसमेंट की सुविधा 

कान्वाय चालकों का रिटायरमेंट उम्र नहीं है, जब तक वे काम करना चाहे कर सकते हैं। रिटायरमेंट पर किसी प्रकार का सेटलमेंट नहीं है, सिर्फ यहां रिप्लेसमेंट की सुविधा है। 

-जयनारायण सिंह, सह-सचिव, टेल्को ट्रांसपोर्ट कंपनी एसोसिएशन 


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