..तो सर्जरी कराना हो जाएगा सस्ता, मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंतजार भी नहीं करना होगा
चिकित्सकों की संख्या बढ़ने से मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंतजार भी नहीं करना होगा।
जासं, जमशेदपुर : आयुष चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार मिलने पर शुक्रवार को देशभर में एलोपैथ चिकित्सकों ने हड़ताल किया। एक दिन के लिए ओपीडी सेवा बंद रखा। वहीं, इसे लेकर जमशेदपुर के आयुर्वेद व होम्योपैथ चिकित्सकों ने दुख जताया है। साकची के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. मनीष डूडिया ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार बहुत पहले से हीं है।यकीन नहीं होता तो बीएचयू या फिर दूसरे राज्यों में जाकर देखना चाहिए। बड़े-बड़े सर्जरी आयुर्वेद चिकित्सक कर रहे हैं। अभी सरकार ने कुछ नियमों को और भी ज्यादा स्पष्ट कर दिया है। डा. मनीष डूडिया ने बताया कि एलोपैथ चिकित्सक कह रहे हैं कि आयुष चिकित्सकों को सर्जरी करने नहीं आती। जबकि उन्हें मालूम होना चाहिए कि सर्जरी के लिए उन्हें मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) का कोर्स करना होता है। जो एलोपैथ चिकित्सकों को पढ़ाया जाता है उसी तरह आयुष चिकित्सकों का भी सिलेबस होता है। दोनों का सिलेबस लगभग एक समान ही होता है। डा. मनीष डूडिया ने कहा कि एलोपैथ में यदि कोई व्यक्ति पाइल्स की सर्जरी कराने जाता है तो उसे 35 से 40 हजार रुपये खर्च आता है। जबकि वही सर्जरी यदि आयुष चिकित्सक करेंगे तो 10 से 15 हजार में संभव होगा। इस तरह से सर्जरी कराना सस्ता हो जाएगा और चिकित्सकों की कमी भी दूर हो जाएगी। चिकित्सकों की संख्या बढ़ने से मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंतजार भी नहीं करना होगा।
------------------------
भारतीय चिकित्सा पद्धति को दबाना दुखद
डॉ. मनीष डूडिया ने कहा कि चीन, जापान सहित सभी पद्धति को बढ़ावा देते है लेकिन, हमारे देश में भारतीय चिकित्सा पद्धति के खिलाफ आवाज बुलंद किया जा रहा है, जो दुखद है। वहीं, होम्योपैथ विशेषज्ञ डॉ. एमएन अख्तर ने बताया कि होम्योपैथी में माइनर सर्जरी पढ़ाई में शामिल है।होम्योपैथ में मेडिसीन एवं सर्जरी का कोर्स होता है। इसका प्रशिक्षण मिलता है। इसके बाद ही होम्योपैथ चिकित्सक सर्जरी करते है। डॉ. एमएन अख्तर ने बताया कि कई गंभीर बीमारियों का इलाज एलोपैथ में संभव नहीं है लेकिन होम्योपैथ में सिर्फ दवा देकर ठीक किया जा सकता है। ऐसे में एलोपैथ चिकित्सकों द्वारा आयुर्वेद व होम्योपैथ चिकित्सकों को दबाने का काम किया जा रहा है।