Move to Jagran APP

भगवान श्री राम, लक्ष्मण और विवेकानंद को आदर्श मानकर आगे बढ़े युवा : वासुदेवाचार्य

युवा भगवान श्री राम लक्ष्मण अर्जुन स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों को आदर्श मानते हुए आगे बढ़ें। उन्हें हर काम में सफलता मिलेगी। किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उक्त बातें शिरोमणि स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर जी महाराज ने कहीं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 05:30 PM (IST)
भगवान श्री राम, लक्ष्मण और विवेकानंद को आदर्श मानकर आगे बढ़े युवा : वासुदेवाचार्य
शिरोमणि स्वामी वासुदेवाचार्य "विद्या भास्कर जी महाराज।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : देश के युवा भगवान श्री राम, लक्ष्मण, अर्जुन, स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों को आदर्श मानते हुए आगे बढ़ें। उन्हें हर काम में सफलता मिलेगी। किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उक्त बातें शिरोमणि स्वामी वासुदेवाचार्य "विद्या भास्कर जी महाराज ने कहीं।

loksabha election banner

बिष्टुपुर स्थित तुलसी भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शिरोमणि स्वामी वासुदेवाचार्य "विद्या भास्कर जी महाराज ने कहा कि आज बच्चे अपने संस्कार से दूर हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण कहीं न कहीं उनके माता-पिता ही हैं। बच्चे को शुरू से ही अच्छे संस्कार मिलेगा तो वे आगे भी अच्छे संस्कार से भरे होंगे। आज के समय में बच्चों को छोड़ दिया जा रहा है। उन्हें देखने समझने वाला कोई रह नहीं गया है। ऐसे में वे जो देख रहे हैं वे सीख रहे हैं। बच्चे का कोई दोष नहीं है। उन्होंने कहा कि हम आज ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जहां बच्चे अपने संस्कार अपने धर्म से दूर होते जा रहे हैं। बड़ों को चाहिए कि उन्हें अच्छे संस्कार दें संस्कार से ही स्वभाव में चमक आती है। हमने जिस राज्य का सपना देखा है उसके लिए भगवान श्रीराम की तरह त्याग समर्पण सीखना होगा। माता-पिता बच्चों को जैसे संस्कार देंगे बच्चे वैसे ही सीखेंगे और अपने जीवन में अपनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं पर फोकस करते हुए कहा कि युवा उपभोक्ता नहीं बल्कि उपयोगी बने। तब ही उन्नती का मार्ग खुलेगा। नहीं तो जिंदगी भर दूसरों के आगे हाथ फैलना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म के नाम पर झगड़ने वाले अज्ञानी होते हैं।

युवाओं के रोल मॉडल स्वामी विवेकानंद जैसे चरित्रवान लोग हो, जिनसे हमें अपने और समाज दोनों को आगे ले जाने की प्रेरणा मिले। यह शिक्षा हमें स्वामी जी से मिली

- अमर त्रिपाठी

युवा पहले अपने संस्कृति, माता पिता द्वारा सिखाएं शिक्षा पर गर्व करें, यह हमें ऊर्जा प्रदान करेगा सशक्त बनने में।

- शिखा दुबे।

स्वामी जी आज के आधुनिक भारत के योगीराज है, इनमे स्वामी विवेकानंद जैसा तेज और विद्या का संग्रह है।

- अविनाश

यह मेरा सौभाग्य है की स्वामी जी के साथ रहने और सीखने का मौका मिला। स्वामी जी के साथ रह कर सीखता और बढ़ता रहूं, यही आशा करता हूं।

- आदि केशव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.