धान बेच कर महिला समूह ने दुकानदार को किया 25 हजार का भुगतान
कोविड-19 के कारण पूरे राज्य में झारखंड सरकार द्वारा गरीब एवं असहाय लोगों की परेशानी को देखते हुए विशेष परिस्थिति में राज्य भर में सभी जिलों में कोविड-19 के संक्रमण काल में विशिष्ट दाल-भात केंद्र शुरू किया गया था। पूर्वी सिंहभूम जिले में 35 विशिष्ट दाल-भात केंद्र खोला गया था। सांसद एवं विधायक के द्वारा प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर खाद्य सार्वजनिक एवं उपभोक्ता विभाग द्वारा यह स्वीकृति प्रदान किया गया था। इनमें से एक धालभूमगढ़ प्रखंड के पावड़ा नरसिंहगढ़ पंचायत के जय मां संतोषी महिला समूह को यह केंद्र खोलने का निर्देश दिया था..
संसू, धालभूमगढ़ : कोविड-19 के कारण पूरे राज्य में झारखंड सरकार द्वारा गरीब एवं असहाय लोगों की परेशानी को देखते हुए विशेष परिस्थिति में राज्य भर में सभी जिलों में कोविड-19 के संक्रमण काल में विशिष्ट दाल-भात केंद्र शुरू किया गया था। पूर्वी सिंहभूम जिले में 35 विशिष्ट दाल-भात केंद्र खोला गया था। सांसद एवं विधायक के द्वारा प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर खाद्य, सार्वजनिक एवं उपभोक्ता विभाग द्वारा यह स्वीकृति प्रदान किया गया था। इनमें से एक धालभूमगढ़ प्रखंड के पावड़ा नरसिंहगढ़ पंचायत के जय मां संतोषी महिला समूह को यह केंद्र खोलने का निर्देश दिया था। इस समूह को नरिसंहगढ़ हाट में रोजाना 200 व्यक्तियों को खाना खिलाना था। इसके तहत चना, चावल, सोयाबीन, सरकार की ओर से दिया जाना था, लेकिन न सामग्री मिली और खर्च की गई राशि। 13-05-2020 से 31-05-2020 तक चावल, चना, सोयाबीन का कुल रकम 27 हजार 160, इसके अलावा रोजाना 200 रुपया खाना खिलाने के लिए प्रति व्यक्ति पांच रुपया कुल 21 हजार अनुदान राशि भी नहीं मिली। इसी तरह 01-06-2020 से 02-07-2020 तक 38, 805, टेंट हाउस के सामान के लिए 11010 रुपया भी नहीं मिला। महिला समूह को सरकार व जिला प्रशासन से कुल 98, 455 की राशि अभी तक अप्राप्त है। समूह के सदस्यों को डर सताने लगा है मार्च लास्ट है यह राशि कहां से मिलेगी। महिला समूह के अध्यक्ष दीपाली नमाता, सचिव चंदना धल, कोषाध्यक्ष ज्योतिका शर्मा एवं सदस्यों ने बताया कि आपूर्ति विभाग के जमशेदपुर गोदाम से सिर्फ दो बार चावल मिला था। इसके बाद चावल, चना, सोनाबीन नरिसंहगढ़ बाजार से उधार लिए है। लॉकडाउन के समय सरकार के निर्देश के अनुसार ईमानदारी पूर्वक लोगों की सेवा की है। क्वारटाइन सेंटर में भी खाना खिलाया। इसका जायजा लेने तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी अमर कुमार एवं धालभूमगढ़ सीओ सदानंद पहुंचे थे। हम लोग प्रखंड कार्यालय तथा झारखंड स्टेट लाइलीहुड परियोजना कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। सभी प्रकार के कागजातों का जमा करने के बावजूद उक्त बकाया राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। महिला समूह के अध्यक्ष कहा कि खेत के धान बेचकर महाजन को 25 हजार रुपया दे चुके हैं। समिति के ऋण खाता से दुकानदार को 75 हजार बकाया पैसा दे दिया गया है। समूह के पदाधिकारियों ने जल्द से जल्द से इस राशि का भुगतान करने की मांग की है। महिला समूह का पैसा बकाया है। रिपोर्ट जिला को भेज दिया गया है। 31 मार्च तक आने की संभावना है।
- सत्येंद्र सिंह, प्रखंड समन्वयक, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड परियोजना, धालभूमगढ़।