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ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की योजना है तो आपके लिए काम की खबर, 30 के बाद बनने की संभावना

Driving Licence. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने पर 30 सितंबर तक इस पर रोक है इसलिए संभावना है कि अक्टूबर में इसे शुरू किया जा सकता है। करीब छह माह से ड्राइविंग लाइसेंस बनने की प्रक्रिया बंद रहने की वजह से लोग हर दिन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 06:38 PM (IST)
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की योजना है तो आपके लिए काम की खबर, 30 के बाद बनने की संभावना
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया अक्‍टूबर में शुरू हो सकती है।

 जमशेदपुर, जासं।  कोरोना की वजह से लॉकडाउन में राज्य सरकार ने वैसे सभी कार्य बंद कर दिए हैं, जिसमें भीड़ लगने की संभावना है। इसी वजह से नया ड्राइविंग लाइसेंस बनना भी बंद है। राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक 30 सितंबर तक इस पर रोक है, इसलिए संभावना है कि अक्टूबर में इसे शुरू किया जा सकता है। करीब छह माह से ड्राइविंग लाइसेंस बनने की प्रक्रिया बंद रहने की वजह से लोग हर दिन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। 

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इसके अलावा जिला परिवहन कार्यालय में वह सभी कार्य हो रहे हैं, जिसकी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस का नवीकरण, गाड़ियों का निबंधन (रजिस्ट्रेशन), परमिट, चालान आदि शामिल हैं। इसमें उन हजारों लोगों को परेशानी हो रही है, जिनका लर्निंग लाइसेंस लॉकडाउन के पहले बन चुका था। तीन माह बाद उन्हें स्थायी लाइसेंस बन जाता, लेकिन प्रक्रिया बंद रहने से वह काम नहीं हो रहा है। इसकी वजह से राज्य सरकार को भी हर दिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। एक-एक लाइसेंस में औसतन एक हजार रुपये का शुल्क सरकार को मिलता था। 
हैवी लाइसेंस सिर्फ धनबाद में बनता
इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि औद्योगिक शहर होने के बावजूद जमशेदपुर में हैवी व्हेकिल का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनता है। पूरे झारखंड में इसकी सुविधा सिर्फ धनबाद में है। पांच वर्ष पहले तक जमशेदपुर में हैवी लाइसेंस बनता था, लेकिन पिछली सरकार ने इसे बंद कर दिया था। इसके पीछे तर्क है कि हैवी लाइसेंस के लिए हैवी व्हेकिल ड्राइविंग का ट्रेनिंग स्कूल होना अनिवार्य है, जो सिर्फ धनबाद में है। जमशेदपुर में पहले साकची स्थित नाग मोटर को इसके लिए अधिकृत किया गया था। अब यहां से जो चालक धनबाद जाते हैं, उन्हें 1500 रुपये सरकारी फीस के अलावा ट्रेनिंग से बचने वालों को 25-30 हजार रुपये तक अतिरिक्त देना पड़ता है।
 

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