नाबालिग को खुदकुशी से बचाने वाला ही उसके साथ करता रहा दुष्कर्म, इस तरह सच आया सामने
पूर्वी सिंहभूम जिले के मानगो से सटे सरायकेला-खरसावां जिले के कपाली ओपी थाना क्षेत्र की एक नाबालिग की जान राजमिस्त्री का काम करने वाले ने बचाई थी। उसने कुछ दिन तक उसे अपने घर में रखा। बाद में यही रक्षक उसका भक्षक बन गया।
जमशेदपुर, संबलपुर, जागरण टीम। पूर्वी सिंहभूम जिले के मानगो से सटे सरायकेला-खरसावां जिले के कपाली ओपी थाना क्षेत्र की एक नाबालिग की जान राजमिस्त्री का काम करने वाले ने बचाई थी। उसने कुछ दिन तक उसे अपने घर में रखा। बाद में यही रक्षक उसका भक्षक बन गया। उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। फिर साथियों के कहने पर उसे ओडिशा के संबलपुर के धनुपाली थाना क्षेत्र के एक गांव में ले गया। वहां भी उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। किसी तरह नाबालिग उसके चंगुल से बच निकली।
वर्तमान उसे संबलपुर के सखी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। वहां वह इलाजरत है। नाबालिग की आपबीती जानने के बाद सखी की ओर से स्थानीय धनुपाली थाना में दुष्कर्मी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। फिलहाल आरोपित फरार है। बताया जा रहा कि राजमिस्त्री की दो पत्नी है। बावजूद उसने सहारा देने के नाम पर नाबालिग को बरगलाया और उसे हवस का शिकार बनाता रहा। नाबालिग ने धनुपाली थाना की पुलिस को बताया कि कपाली ओपी क्षेत्र में पिता की अकाल मौत के बाद उसकी मां दोनों बेटियों को छोड़कर दूसरा विवाह कर कहीं चली गई। इसके बाद उसकी दादी ने उसे और उसकी बहन को सहारा दिया। छोटी बहन जब 13 वर्ष की हुई तब एक युवक उसे बरगलाकर अपने साथ ले गया। इसे लेकर दादी और उसको खूब अपमानित होना पड़ा। लोगों के ताने सुन सुनकर वह एक दिन खुदकुशी करने के लिए घर से निकल गई। वहां उसे एक व्यक्ति ने बचाया और अपने साथ उसे ले गया। दुष्कर्म किया। राजमिस्त्री उसे बरगलाकर जुलाई के प्रथम सप्ताह में संबलपुर में ले गया। किराए के मकान में रखकर शारीरिक संबंध बनाता रहा। 15 जुलाई की शाम नाबालिग किसी तरह आरोपित की चंगुल से बचकर निकल भाग गई। वह सखी कार्यकर्ताओं के हाथ लगी। उसकी नाजुक हालत और आपबीती जानने के बाद सखी ने उसे सहारा दिया। इलाज कराया। 17 जुलाई को धनुपाली थाना को शिकायत दी गई।