The Great Resignaton : यहां तो नौकरी छोड़ भाग रहे कर्मचारी, ऊंची सैलरी पर भी रुकने को तैयार नहीं
The Great Resignaton यही कहते हैं.. कहीं लोग एक अदद नौकरी को तरस रहे हैं तो कहीं लोग नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। हालत यह है कि कंपनियां ऊंची सैलरी देकर कर्मचारियों को वापस आने के लिए मना रही है लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हैं...
जमशेदपुर : कोविड 19 के कारण जब देश भर में लॉकडाउन हुआ तो उद्योग-धंधे बंद हो गए। इसके कारण कई कंपनियों ने अपने यहां कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती की। इसका असर आईटी कंपनियों में भी दिखा। कर्मचारियों की संख्या में काफी कटौती हुई। कंपनियों की ओर से जारी आंकड़े के तहत कई कंपनियों ने उन कर्मचारियों को भी बाहर किया जिनका वेतन सबसे अधिक था।
लेकिन स्थिति सुधरते ही कंपनियां कर्मचारियों को वापस बुलाने लगी। अब कर्मचारियों की बारी थी। वह वापस वैसी जगह जाना नहीं जा रहे हैं, जहां नौकरी से निकाल दिया गया था। अब स्थिति यह है कि ऊंचे वेतन पर भी कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है, लेकिन वे लौटने से इंकार कर रहे हैं।
जाने किस कंपनी में कितने कर्मचारियों की हुई कटौती
कोविड 19 के कारण पिछले साल एक शब्द सबसे ज्यादा प्रचलित हुआ जिसे कहा गया एट्रिशन (Attrition)। इस मामले में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) यानि टीसीएस के आंकड़े सबसे बेहतर रहा। पिछली तिमाही में कंपनी के आंकड़े 11.9 प्रतिशत था जो चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गया।
हालांकि कंपनी का दावा है कि उनके आंकड़े दूसरी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से सबसे कम है। जबकि इंफोसिस कंपनी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की दर वर्तमान में 25.5 प्रतिशत है जो सितंबर में 20.1 प्रतिशत था। इसके अलावा आईटी दिग्गज कंपनी विप्रो का एट्रिशन दर 22.7 प्रतिशत रहा।
कर्मचारियों को लुभाने में लगी टीसीएस
टीसीएस कंपनी ने अपने तीसरे तिमाही के परिणाम की घोषणा करते हुए बताया कि उसने कर्मचारियों के डेवलपमेंट, फ्यूचर ग्रोथ और वर्क कल्चर को बेहतर बनाया। साथ ही बेहतर वर्कप्लेस के साथ उन्हें कहीं से भी काम करने का मौका दिया। जिससे कंपनी ने कर्मचारियों को बेहतर कार्यस्थल देकर उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
टीसीएस के एचआर प्रमुख मिलिंद लक्कड़ का कहना है कि हमने अपनी कंपनी में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को बनाए रखने के लिए कर्मचारियों को बेहतर अवसर दिया। उन्हें अपने कैरियर में आगे बढ़ने के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था की। साथ ही उन्हें वैश्विक स्तर पर तैनाती का अवसर दिया।
बढ़ रहा है आईटी कंपनियों में कर्मचारियों का पलायन
लक्कड़ का कहना है कि लॉकडाउन के बाद जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था खुली तो आईटी क्षेत्र में तेजी से काम बढ़े। जिसके कारण सभी कंपनियों ने प्रतिभावान कर्मचारियों की तलाश शुरू की। नतीजा ये रहा कि जिन कंपनियों में कर्मचारी पहले से कार्यरत थे उन्हें बढ़िया पैकेज देकर यहां दूसरी कंपनियों ने ऑफर दिया।
इसके कारण कंपनियां में कर्मचारियों का पलायन बढ़ा। साथ ही कर्मचारियों के वेतन में भी काफी बढ़ोतरी हुई। जिन कर्मचारियों के पास बेहतर कौशल था उन्हें सबसे अच्छा पैकेज मिला। वहीं कई कंपनियों ने तो नए प्रतिभावान कर्मचारियों को हायर करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी संचालित कर रही है।