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टीडब्ल्यूयू चुनाव :: कंपनी परिसर में हुआ मतदान हुआ तो गड़बड़ी तय : भास्कर राव

टाटा स्टील कंपनी परिसर में यदि 31 जनवरी को चुनाव व मतगणना के बाद ऑफिस बियरर के लिए वोटिग हुई तो अदृश्य शक्ति के इशारे पर गड़बड़ी होना तय है। यह कहना है टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष सह यूनियन बचाओ मोर्चा के संयोजक भास्कर राव का।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 08:30 AM (IST)
टीडब्ल्यूयू चुनाव :: कंपनी परिसर में हुआ मतदान हुआ तो गड़बड़ी तय : भास्कर राव

जासं, जमशेदपुर : टाटा स्टील कंपनी परिसर में यदि 31 जनवरी को चुनाव व मतगणना के बाद ऑफिस बियरर के लिए वोटिग हुई तो अदृश्य शक्ति के इशारे पर गड़बड़ी होना तय है। यह कहना है टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष सह यूनियन बचाओ मोर्चा के संयोजक भास्कर राव का।

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टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पीएन सिंह के बिष्टुपुर स्थित आवास पर प्रेसवार्ता में उन्होंने ये बातें कही। बकौल भास्कर राव, यूनियन के पास लगभग 40 करोड़ रुपए हैं। जब 20 हजार यूनियन सदस्य थे तो चुनाव यूनियन परिसर में होता था, फिर आज क्यों नहीं हो सकता है। चुनाव कंपनी परिसर में होने से हमेशा कर्मचारियों से लेकर कमेटी मेंबर तक के ऊपर कोड ऑफ कंडक्ट की तलवार लटकती रहती है। ऐसे में वे निर्भीक होकर मतदान कर पाते हैं और न ही अपना नेतृत्व चुन पाते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव के लिए इस बार चुनाव टाटा वर्कर्स यूनियन परिसर में हो। क्योंकि जब भी कंपनी परिसर में अंदर चुनाव हुआ यूनियन को गलत नेतृत्व मिला। वर्ष 2012 में जब जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स में चुना हुआ तब पीएन सिंह चुनाव जीत कर आए लेकिन 2015 के अ²श्य शक्ति के इशारे पर पीएन सिंह के को-ऑप्शन की बिना गिनती किए जीत-हार का फैसला हो गया। यदि इस बार भी कंपनी परिसर में चुनाव हुआ तो वर्ष 2015 में हुए चुनाव की पुनावृत्ति होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए हमारी मांग है कि आगामी चुनाव यूनियन कार्यालय में ही हो ताकि हर यूनियन सदस्य निर्भीक और निष्पक्ष रुप से बिना प्रबंधन के दबाव में आए अपना मतदान कर सकें। वहीं, प्रेसवार्ता में यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पीएन सिंह ने कहा की पूर्व अध्यक्ष होने के नाते यह मेरा कर्तव्य है कि यूनियन में जो भी गड़बड़ी हो रही है उसके खिलाफ मजदूरों को जागरूक करू। इसलिए मेरा सभी कर्मचारियों से आग्रह है कि अपना वोट देने से पहले सभी उम्मीदवारों से पूछे कि उन्होंने उन्होंने पिछले तीन या छह साल क्या काम किया, उनकी उपलब्धि क्या थी, जो भी सुविधाएं बंद हुई उस पर विरोध करने के लिए उन्होंने किस तरह से पहल की। क्योंकि अभी चुप रहे तो और भी कई सारे सुविधाएं बंद होने से इन्कार नहीं किया जा सकता।


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