खुले पंडालों के पट, मां के दर्शन को उमड़े भक्त
शारदीय नवरात्रि का पर्व पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। षष्ठी पूजा के दिन मां दुर्गा का घाट कंपनी तालाब से लाकर पूजा पंडाल में स्थापित किया गया।
संसू, मुसाबनी : शारदीय नवरात्रि का पर्व पूरे क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। षष्ठी पूजा के दिन मां दुर्गा का घाट कंपनी तालाब से लाकर पूजा पंडाल में स्थापित किया गया। विभिन्न पूजा पंडालों में पूजा-अर्चना कर मां भगवती का आह्वान किया गया। कई पूजा पंडालों का पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। सोमवार को रवींद्र संघ पूजा पंडाल का उद्घाटन समाजसेवी अशोक अग्रवाल एवं आरके धुरोजर, शकुंतला सिघानिया, चंदा अग्रवाल आदि द्वारा संयुक्त रुप से फीता काटकर किया गया। क्षेत्र की खुशहाली के लिए मां दुर्गा का पूजा-अर्चना भी उन्होंने किया। उन्होंने मां दुर्गा की पूजा करके क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना की। रवींद्र संघ पूजा पंडाल में कोरोना गाइडलाइन के तहत पांच फीट का आकर्षक मूर्ति बनाया गया है। पंडित चितरंजन मुखर्जी एवं गौरांगो भट्टाचार्य द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा अर्चना कराया गया। रवींद्र संघ में 1953 ई. से कमेटी के लोग पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। रवींद्र संघ पूजा कमेटी का इस वर्ष 69 वां पूजा मना रहा है । इस अवसर पर रविन्द्र संघ पूजा समिति के अध्यक्ष सत्या तिवारी, महासचिव डी प्रीतम उर्फ रिकू,मानस नमाता, विशु भट्टाचार्य, बृजेश सिंह,अजय शर्मा, उत्पल राय, दिलीप राय ,शांतनु घोष, चंदन चटर्जी, छोटे लाल शर्मा, मधुसूदन शर्मा ,नवीन शर्मा, राहुल शर्मा प्रमोद शर्मा, प्रमोद शर्मा आदि उपस्थित थे। चंडीपाठ से शुरू हुई मां दुर्गा की महाषष्ठी की पूजा : श्रीश्री देवी का चंडीपाठ से महाषष्ठी की पूजा प्रारंभ हुई। घाटशिला के रामकृष्ण मठ में सोमवार षष्टी के दिन प्रात: साढ़े पांच बजे से श्रीश्री देवी का कल्पारम्भ तथा चंडीपाठ हुआ। उसके उपरांत शाम 6 बजे से श्रीश्री देवी का बोधन, आमंत्रण तथा अधिवास की पूजा हुई। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ देवी दुर्गा की पूजा प्रारंभ होते ही पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। मंगलवार को रामकृष्ण मठ में महासप्तमी की पूजा होगी। सुबह साढ़े पांच बजे से नवपत्रिका प्रवेश, महास्नान, सप्तमी पूजा तथा चंडीपाठ होगा। शाम साढ़े छह बजे से श्री श्री देवी की आरती तथा शाम सात बजे कालीकीर्तन होगा। बुधवार को महाष्टमी व गुरुवार महानवमी तथा शुक्रवार विजयदशमी की पूजा होगी।