झारखंड की राजधानी रांची में लगेगा नोशंस ऑफ इंडिया के विजेता का डिजाइन, जानिए इसकी खासियत
स्टील भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है। एक स्टील निर्माता कंपनी के रूप में टाटा स्टील कंपनी स्टील की सुंदरता को उभारने के लिए इस तरह का आयोजन कर रही है ताकि सुंदर डिजाइन की मदद से हम जिस स्टील की परिकल्पना करते हैं उसे उभारा जा सके।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्ट्रक्चरा ने इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता नोशंस ऑफ इंडिया के दूसरे संस्करण का आयोजन किया था। इसमें एआर नामदेव तल्लुर और एआर जेके जयकांत के बिलियन इंप्रेशंस के डिजाइन को विजेता घोषित किया गया। जबकि मिडोरी आर्किटेक्ट्स के द नॉट और कोलाबेरिटिव आर्किटेक्ट्स के नेशनल यूनिटी पैवेलियन को क्रमश: दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। जबकि विद्यार्थी वर्ग में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के सुमित कुमार शर्मा के डिजाइन, द स्पिरिट को विजेता घोषित किया गया। टाटा स्टील ने विजेता मॉडल के डिजाइन को रांची में लगाने की घोषणा की है।
भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सामग्री है स्टील : नरेंद्रन
टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन का कहना है कि स्टील भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है। एक स्टील निर्माता कंपनी के रूप में टाटा स्टील कंपनी स्टील की सुंदरता को उभारने के लिए इस तरह का आयोजन कर रही है ताकि सुंदर डिजाइन की मदद से हम जिस स्टील की परिकल्पना करते हैं उसे उभारा जा सके। इसके लिए टाटा स्ट्रक्चरा ने एक नई पहल की है। इस तरह के आयोजन स्टील की खूबसूरती को दिखाने में मदद करती है। नोशंस ऑफ इंडिया, स्टील के नवीनतम डिजाइन को जीवंत करने और प्रतिभाशाली इंजीनियरों व आर्किटेक्टरों को अपनी रचनात्मकता दिखाने का मौका देकर उन्हें प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है।
आज और कल का भारत था थीम
वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित इस अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 400 से अधिक टेक्नोक्रेटस ने हिस्सा लिया। जिसमें दुनिभा भर के प्रतिभाशाली आर्किटेक्ट व इंजीनियरों ने अपनी कल्पना को आज और कल के भारत थीम पर प्रदर्शित किया।
रतन टाटा व चंद्रशेखरन ने की थी शुरुआत
वर्ष 2021 की शुरुआत में टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन व टाटा ट्रस्ट के एमेरेट्स चेयरैन रतन टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस प्रतियोगिता का शुभारंभ किया था। पांच माह चले इस प्रतियोगिता में 13 देशों से 5200 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया जबकि 575 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई। इनमें से जूरी के पैनल में शामिल राजीव सेठी, नील लीच, गेरी जूडाह, रतन बाटलीबोई, सुदर्शन शेट्टी, संजीव कुमार लोहिया, प्रो. के जैसिम, हरिओम गेरा, पी सूर्य प्रकाश, शीला श्री प्रकाश, इंजीनियर धनंजय दाके और अनुराग सिन्हा शामिल थे। इस प्रतियोगिता के फाइनलिस्ट में 12 डिजाइन का शार्ट लिस्ट किया गया था।
क्या है नोशंस ऑफ इंडिया
नोशंस ऑफ इंडिया 355 स्टील के हॉलो सेक्शनों का उपयोग कर आउटडोर संरचना बनाने के लिए एक डिजाइन प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों से ऐसे डिजाइन करने को कहा जाता है जो भविष्य में राष्ट्र की सोच और उसकी यात्रा को दर्शाए। इसे प्रतिभागितयों द्वारा 12 गुणा 12 गुणा 12 गुणा क्यूबिक मीटर के क्षेत्र में बनाते हैं।
जमशेदपुर में लग चुके हैं दो बड़े स्टील स्ट्रक्चर
टाटा स्टील द्वारा जमशेदपुर में टाटा स्ट्रक्चरा के दो बड़े स्ट्रक्चर लग चुके हैं। इसमें एक स्ट्रक्चर सर दोराबजी पार्क में लगाया गया है जो टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन सर दोराबजी टाटा की पत्नी लेडी मेहरबाई टाटा को समर्पित है। पार्क में डायमंड स्ट्रक्चर के प्रतिरूप में अवस्थित यह स्ट्रक्चर उस जुबिली डायमंड का ही प्रतिरूप है। पहले विश्वयुद्ध के बाद जब देश में आर्थिक मंदी आई तो कर्मचारियों को वेतन देने व कंपनी का विस्तार करने के लिए लेडी मेहरबाई टाटा ने अपनी डायमंड जुबिली को इम्पीरियल बैंक में गिरवी रख दिया था। वहीं, दूसरा स्ट्रक्चर टाटा स्टील के बिष्टुपुर मेन गेट पर लगा हुआ है जिसका आकार बड़े टी के समान है।