Tata Motors का नया सीईओ खोजने के लिए बोर्ड को नहीं है हड़बड़ी, जाने क्या है मुख्य वजह
टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने टाटा मोटर्स के दिन-प्रतिदिन का काम देखने के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन किया है। जब तक कंपनी के नई सीईओ की तलाश पूरी नहीं हो जाती तब तक छह सदस्यीय टीम ही कंपनी के सभी काम का संचालन करेगी।
जमशेदपुर, जासं। टाटा मोटर्स के एमडी सह सीईओ गुंटेर बुशेक 30 जून को स्वेच्छा से अपना पद छोड़ रहे हैं लेकिन वे अगले एक वर्ष तक कंपनी में सलाहकार के पद पर अपनी सेवा देते रहेंगे। पहली जुलाई से टाटा मोटर्स में एमडी सह सीईओ का पद खाली रहेगा। इसके बावजूद टाटा मोटर्स के बोर्ड को नए सीईओ को चुनने को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है।
इसकी मुख्य वजह टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की प्लानिंग है। आपको बता दें टाटा मोटर्स देश में सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों में से एक है। कंपनी पैसेंजर कार से लेकर भारी वाणिज्यिक वाहनों का भी निर्माण करती है। कंपनी का एक प्लांट जमशेदपुर में भी है जहां से टाटा मोटर्स वाणिज्यिक वाहन के अलावा डिफेंस के लिए भी ट्रक का निर्माण करती है।
ये है चंद्रशेखरन की प्लानिंग
टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने टाटा मोटर्स के दिन-प्रतिदिन का काम देखने के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन किया है। जब तक कंपनी के नई सीईओ की तलाश पूरी नहीं हो जाती तब तक छह सदस्यीय टीम ही कंपनी के सभी काम का संचालन करेगी। इस टीम में कंपनी के चीफ फायनांशियल ऑफिसर पीबी बालाजी, कॉमर्शियल व्हीकल यूनिट के प्रेसिडेंट गिरीश वाघ, पैसेंजर व्हीकल यूनिट प्रेसिडेंट शैलेश चंद्रा, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर राजेंद्र पेटकर, प्रोक्योरमेंट प्रेसिडेंट थॉमस फ्लैक और एचआर प्रेसिडेंट रवींद्र कुमार शामिल हैं।
इस वजह से गुंटेर ने छोड़ा सीईओ का पद
जनवरी 2014 में हुई एक दुर्घटना में टाटा मोटर्स के पूर्व सीईओ सह एमडी कार्ल स्लिम का निधन हो गया। इसके बाद दो वर्षो की खोज के बाद 25 फरवरी 2016 को गुंटेर बुशेक ने टाटा मोटर्स की बागडोर अपने हाथों में ली। टाटा मोटर्स में शामिल होने से पहले गुंटेर चार सालों तक एयरबस के मुख्य परिचालन अधिकारी थे और उससे पहले वे डेमलर एजी के साथ 25 वर्षों तक काम कर चुके हैं। गुंटेर निजी कारणों से वापस जर्मनी जाना चाहते हैं इसलिए वे अपना अनुबंध समाप्त होने से पहले ही अपने पद से स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं। गुंटेर के कार्यकाल में कंपनी ने काफी तरक्की की। टाटा मोटर्स देश की पहली कंपनी बनी जिसने इलेक्ट्रिक पैसेजर व्हीकल को बाजार में उतारा।