Lockdown Jamshedpur Effect: लाॅकडाउन की वजह से करोड़ों के कर्ज में डूबे टेंट कारोबारी
शादी-ब्याह समेत सार्वजनिक कार्यक्रमों के बंद रहने से टेंट कारोबारियों का कामकाज ठप है। एक वर्ष में इनके कारोबारी करोड़ों रुपये के कर्ज में डूब गए हैं। एक साल से मकान दुकान व गोदाम का किराया नहीं दे सके हैं। महाजन का तकादा तो चढ़ा ही हुआ है।
जमशेदपुर, जासं। कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में राशन-दवा के अलावा कपड़ा, जूता, सैलून, स्पा आदि सबका व्यवसाय चलता रहा, लेकिन शादी-ब्याह समेत सार्वजनिक कार्यक्रमों के बंद रहने से टेंट कारोबारियों का कामकाज ठप है। एक वर्ष में इनके कारोबारी करोड़ों रुपये के कर्ज में डूब गए हैं।
एक साल से मकान, दुकान व गोदाम का किराया नहीं दे सके हैं। महाजन का तकादा तो चढ़ा ही हुआ है, बिजली बिल अलग से देना पड़ रहा है। इस व्यवसाय से जमशेदपुर में करीब 600 लोग जुड़े हैं। हर एक पर पांच-छह लाख रुपये का कर्ज हो गया है। इनके सामने अपने कर्मचारियों और खुद का परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। अब इन्होंने झारखंड सरकार से प्रतिमाह 10 हजार रुपये आर्थिक मुआवजा व राशन देने की गुहार लगाई है।
मैंने एक साल से दुकान-गोदाम का किराया नहीं दिया
मैंने खुद एक साल से दुकान और गोदाम का किराया नहीं दिया है। क्या करूं, असमर्थ हूं। टेंट कारोबार में दुकान व गोदाम होना जरूरी है। आखिर इतना सामान कहां रखूंगा। हमसे जुड़े हजारों कारीगर-मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। सरकार को हमारे बारे में जल्द ही कदम उठाना चाहिए।
- सरदार बलजीत सिंह (मानगो), चेयरमैन, जमशेदपुर टेंट डीलर्स वेलफेयर आर्गनाइजेशन
हमारा कारोबार 22 अप्रैल से ठप है। हमसे जुड़े सभी सदस्यों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब तो सरकार ने एक तरह से शादी पर पाबंदी ही लगा दी है। इसी रोजगार से हमारे घर व गोदाम का किराया, बच्चों की पढ़ाई, घर में बीमार लोगों का इलाज चलता है। हम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करते हैं कि हमारे लिए कोई रास्ता निकालें।
- सुमित श्रीवास्तव (काशीडीह), अध्यक्ष, ऑल डेकोरेशन संघर्ष समिति
हम पिछले वर्ष की मंदी से उबरे भी नहीं थे कि इस वर्ष भी कोरोना ने लाइट कारोबार को पूरी तरह से तबाह कर दिया। हम साल भर लगन के इंतजार में रहते हैं, लेकिन अब तो रही-सही उम्मीद भी चली गई। सार्वजनिक पूजा बंद हो गई, तो अब शादी-पार्टी भी नहीं हो रही है। हमारे सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
- संजीव मंडल (बागबेड़ा), लाइट व्यवसायी
मेरा पूरा परिवार इसी साउंड सिस्टम और डीजे के व्यापार पर आश्रित है, पर इस कोरोना के भयंकर प्रकोप के चलते मेरा पूरा व्यवसाय आज बर्बादी की कगार पर है। मैं झारखंड सरकार से मांग करता हूं कि हमलोगों के विषय में भी आप ज़रूर सोचें। घर का किराया और बच्चों का स्कूल फीस का भी भारी बोझ है, इससे निजात दिलाएं।
- अमित कुमार (सोनारी), साउंड व डीजे व्यवसायी
मेरा परिवार इसी फूल डेकोरेशन और सजावट के धंधे पर आधारित है। एक साल में कोरोना ने परिवार की आर्थिक स्थिति को बर्बाद कर दी है। आज स्थिति बद से बदतर हो गई है। घर व गोदाम का भाड़ा, बच्चों की फीस सभी इसी फूल के कारोबार पर निर्भर था। झारखंड सरकार से अपील करता हूं कि हम सभी की रक्षा करें और एक वैकल्पिक रास्ता तैयार करें।
- अशोक दास (बिरसानगर), फ्लावर डेकोरेटर
मेरा बैंड-बाजा का कारोबार लगभग 20 वर्षों से जमशेदपुर में है, पर इस तरह की त्रासदी का मुझे कभी सामना नहीं करना पड़ा। इस वर्ष पूरे लगन का कारोबार ठप हो चुका है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि घर में राशन से लेकर घर का किराया, गोदाम का भाड़ा, बच्चों का स्कूल फीस, मेडिकल तमाम चीजें इसी कारोबार पर निर्भर है, लेकिन चारों तरफ से रास्ता बंद है। हमारा परिवार भुखमरी के कगार पर आ चुका है।
- बंटी कुमार (बागबेड़ा), बैंड मालिक
कोरोना की वजह से गायक-कलाकार एक वर्ष से बेरोजगार हैं। इस बीच एक भी कार्यक्रम हमें नहीं मिला। मैं झारखंड सरकार से नम्र निवेदन करना चाहता हूं कि जिस तरह से सभी का व्यवसाय चल रहा है। हमारे जीविकोपार्जन के लिए भी सरकार कुछ करे। सरकार हमें भी कुछ मुआवजा दे, जिससे हमारा घर-परिवार चल सके।
- आशीष सत्ता (भालूबासा), आर्केस्ट्रा सिंगर