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आठ साल से वेतन नहीं मिला, शिक्षिका की हुई मौत

खालसा मध्य विद्यालय बर्मामाइंस की शिक्षिका जसपाल कौर की मौत हृदयगति रूक जाने से बुधवार की अल सुबह में हो गई। उनके निधन का समाचार मिलते ही अल्पसंख्यक शिक्षकों में शोक की लहर दौड़ गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:38 AM (IST)
आठ साल से वेतन नहीं मिला, शिक्षिका की हुई मौत
आठ साल से वेतन नहीं मिला, शिक्षिका की हुई मौत

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : खालसा मध्य विद्यालय, बर्मामाइंस की शिक्षिका जसपाल कौर की मौत हृदयगति रूक जाने से बुधवार की अल सुबह में हो गई। उनके निधन का समाचार मिलते ही अल्पसंख्यक शिक्षकों में शोक की लहर दौड़ गई।

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ईस्ट प्लांट बस्ती की रहने वाली शिक्षिका को मंगलवार की रात डेढ़ बजे सीने में दर्द हुआ। इसके बाद उसे टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सा के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत की खबर मिलने के बाद बुधवार को साकची आम बगान मैदान में अल्पसंख्यक प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केके मिश्रा की अध्यक्षता में शोकसभा की गई। मौके पर उपस्थित शिक्षिकाओं ने दो मिनट का मौन रख दिवंगत शिक्षिका को श्रद्धांजलि दी। वही शिक्षिकाओं ने कहा कि वेतन के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा है। हमें आठ साल से वेतन नहीं मिला है, इसके बावजूद निर्णय सरकार नहीं ले पा रही है। सुनहरे सपने दिखाए जा रहे हैं। विभाग और सरकार की कथनी एवं करनी में स्पष्ट अंतर दिख रहा है। शिक्षिका निभा चौधरी ने कहा कि सरकारी चाहती है इन अल्पसंख्यक प्राथमिक स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन निर्गत हो, लेकिन विभाग किसी न किसी कारण से अड़ंगा लगा रहा है। इसके बावजूद जो हाई कोर्ट जा रहे हैं, उनका वेतन निर्गत कर दिया जा रहा है। सभा में उपस्थित सचिव मदन तिवारी ने कहा कि मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसे चार शिक्षक काल के गाल में समा चुके हैं। उनके परिजनों को भी वेतन एवं अन्य पावनाओं का इंतजार है।

बैठक में मुख्य रूप से प्रीतपाल कौर, अरिदम बोस, अपर्णा महतो, नीरा हेरेंज, एकता कुमारी सिन्हा, भारती सिंह, प्रभावती शर्मा, पिंकी मौर्या सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।

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74 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अब तक नहीं मिला वेतन

पूर्वी सिंहभूम जिला के अल्पसंख्यक प्राथमिक शिक्षकों का वेतन उनकी नियुक्ति तिथि से अब तक नहीं मिला है। कुल 74 शिक्षक विगत दस सालों से अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री तक घेराव किया जा चुका है, लेकिन बात अब तक नहीं बन पायी। नवंबर में इनकी नियुक्ति की जांच के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन अब तक इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पायी है।


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