सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है, टाटा वकर्स यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष ने इस तरह वोटरों को किया आगाह
Tata Workers Union. वर्तमान में सत्ताधारी खेमा और कथित विपक्षी खेमा एक ही है। मजदूरों की सुविधाओं में कटौती करने वाले सभी समझौतों में इन्होंने ही मिलकर हस्ताक्षर किए। फिर चुनाव से ठीक पहले विपक्ष में कैसे हो गए। ये अंदर से मिले हुए हैं।
जमशेदपुर, जासं। टाटा वर्कर्स यूनियन में पुराने कमेटी मेंबरों में से एक और पूर्व उपाध्यक्ष ने यूनियन चुनाव में वैसे उम्मीदवार को चुनने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि ऐसा होगा तभी भविष्य में मजदूर हित में काम हो सकेगा। सुबोध भारतीय जन मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी हैं।
टाटा स्टील के स्पेयर मैन्युफैक्चरिंग विभाग से 2006 से लगातार कमेटी मेंबर बन रहे सुबोध श्रीवास्तव वर्ष 2009 और 2012 में दो कार्यकाल उपाध्यक्ष भी रहे। गुरुवार को सुबोध श्रीवास्तव ने बयान जारी करते हुए कामगारों और कमेटी मेंबरों से अपील की है कि वे योग्य और क्षमतावान प्रतिनिधि को चुनेंं, क्योंकि मजदूर यूनियन में कोई पक्ष-विपक्ष नहीं होता। वर्तमान में सत्ताधारी खेमा और कथित विपक्षी खेमा एक ही है। मजदूरों की सुविधाओं में कटौती करने वाले सभी समझौतों में इन्होंने ही मिलकर हस्ताक्षर किए। फिर चुनाव से ठीक पहले विपक्ष में कैसे हो गए। सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए ये अंदर से मिले हुए हैं।
चुनाव में जल्दीबाजी पर भी उठाए सवाल
टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष सह कमेटी मेम्बर सुबोध कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि आगामी चुनाव में ये सिर्फ सभी सदस्यों और कमेटी मेंबरों का वोट लेना चाहते हैं इसलिए इस सारा प्रपंच रचाया गया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को चुनाव में इतनी जल्दबाजी क्यों है। वे चाहते तो फरवरी में भी आराम से चुनाव कराए जा सकते हैं लेकिन इस तरह से आनन-फानन में चुनाव कराने का औचित्य क्या है। क्योंकि वर्तमान टीम फिर सत्ता में आने के लिए परेशान है। इसलिए उन्होंने आगामी चुनाव में पूरे सोच-विचार कर ही अपना प्रतिनिधि चुनने की अपील सभी से की है।