उषा मार्टिन का स्टील कारोबार खरीदेगी टाटा स्टील
टाटा स्टील ने एमएसई को बताया है कि स्टील कारोबार बेचने से उषा मार्टिन के कर्ज में महत्वपूर्ण रूप से कमी आएगी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा स्टील करीब 4700 करोड़ रुपये में उषा मार्टिन लिमिटेड (यूएमएल) के स्टील बिजनेस को खरीद रही है। इस बाबत दोनों कंपनियों के बीच शनिवार को मुंबई में हुई उच्चस्तरीय बैठक में अंतिम सहमति बन गई। बैठक के बाद टाटा स्टील ने उषा मार्टिन के स्टील कारोबार के अधिग्रहण की घोषणा कर दी। इसके बाद टाटा स्टील ने मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (एमएसई) को इस बारे में सूचना दे दी। टाटा स्टील ने एमएसई को बताया है कि स्टील कारोबार बेचने से उषा मार्टिन के कर्ज में महत्वपूर्ण रूप से कमी आएगी।
टाटा स्टील ने उम्मीद जताई है सौदे की प्रक्रिया पूरी होने में छह से नौ महीने का समय लगेगा। इसे फिलहाल कुछ नियामकीय मंजूरियों की दरकार होगी, जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) से मिलने वाली मंजूरी सबसे अहम है। अधिग्रहण के पहले टाटा स्टील सभी तरह की शर्ते पूरी करने को तैयार है। शर्तो के मुताबिक सौदा पूरा होने के बाद टाटा स्टील या उसकी कोई भी सहायक शाखा उषा मार्टिन के स्टील कारोबार का अधिग्रहण कर सकती है। बयान में कहा गया है कि सौदे के तहत लेनदेन और अधिग्रहण की संरचना पर अंतिम फैसला जल्द ले लिया जाएगा।
4300 से 4700 करोड़ के बीच सौदा
मुंबई में शनिवार को दोनों कंपनियों के बीच वार्ता में तय हुआ कि टाटा स्टील 4300 से 4700 करोड़ के बीच अंतिम सौदा कर उषा मार्टिन को खरीदेगी। टाटा स्टील ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि उषा मार्टिन के इस्पात कारोबार का अधिग्रहण 4300 से 4700 करोड़ (विभिन्न लेनदेन समायोजनों के अधीन) के बीच होगा।
उषा मार्टिन में एक मिलियन टन स्टील का सालाना उत्पादन
सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया में उषा मार्टिन का स्टील प्लांट स्थापित है। इसकी सालाना उत्पादन क्षमता एक मिलियन टन है। इसके अलावा कंपनी के पास लौह अयस्क खदान, विकसित हो रहा एक कोयला खदान और कैप्टिव बिजली संयंत्र प्रमुख हैं। उषा मार्टिन दुनिया में सबसे बड़े तार रस्सी (वाइप रोप) निर्माताओं में से एक हैं। वहीं टाटा स्टील ग्रुप फिलहाल 27.5 मिलियन टन प्रति वर्ष स्टील उत्पादन कर रहा है और विश्व की अग्रणी स्टील कंपनियों में से एक है।
नकद भुगतान से खरीदने का करार
टाटा स्टील ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने पूरी तरह नकद भुगतान के जरिये उषा मार्टिन का स्टील कारोबार खरीदने संबंधी एक निश्चित करार किया है। पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर टाटा स्टील सालाना कच्चा स्टील उत्पादन क्षमता पौने तीन करोड़ टन थी।
इस वर्ष मई में ही टाटा स्टील ने किया था भूषण स्टील का अधिग्रहण
विश्व की अग्रणी इस्पात कंपनी टाटा स्टील ने इसी साल मई महीने में भूषण स्टील का अधिग्रहण किया था। भूषण स्टील का पूर्वी सिंहभूम के पोटका के अलावा झाड़सुगोड़ा, गाजियाबाद, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में स्टील प्लांट है। टाटा स्टील ने दिवाला कानून के तहत भूषण स्टील लिमिटेड की 72.65 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा कर लिया है।
भूषण के लिए लगाई थी 35 हजार करोड़ की बोली
टाटा स्टील ने 35,200 करोड़ रुपए की नकद पेशकश में भूषण स्टील का अधिग्रहण किया। कंपनी एक साल में 1,200 करोड़ रुपये का और भुगतान करेगी जबकि शेष ऋण को इक्विटी में परिर्वितत करेगी। बैंकों की 12.27 प्रतिशत और सिंघल परिवार के पास 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि शेष 10 प्रतिशत सार्वजनिक होल्डिंग है। टाटा स्टील लिमिटेड ने कर्ज में फंसी भूषण स्टील लिमिटेड के लिए आयोजित नीलामी में सफल बोली लगाई थी। भूषण स्टील लिमिटेड कर्ज में डूबी उन 12 कंपनियों में थी जिनके मामले रिजर्व बैंक ने दिवाला शोधन प्रक्रिया के तहत निपटाने के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) को भेजे थे। टाटा स्टील भूषण स्टील को परिचालन कार्य के लिए उधार देने वाले कर्जदाताओं को 12 महीने की अवधि में 1,200 करोड़ रुपये का भुगतान कर देगी। टाटा समूह यह अधिग्रहण बामनीपाल स्टील द्वारा बाहर से लिए गए 16,500 करोड़ रुपए के ब्रिज लोन (प्रारंभिक आवश्यकताओं के लिए लिए गए ऋण) और टाटा स्टील की तरफ से निवेश के जरिए किया था।
टाटा स्टील के होने पर कर्मी भी खुश
भूषण स्टील के कर्मचारियों को जैसे ही पता चला कि उनकी कंपनी को टाटा स्टील ने अधिग्रहित कर लिया है, कर्मियों में खुशी की लहर देखने को मिली थी। टाटा स्टील ने भूषण के सभी पांच हजार कर्मियों को समाहित किया था। भूषण स्टील फिलहाल 3 से 3.5 मिलियन टन क्षमता के साथ काम कर रही है। इस क्षमता को 5 एमटी से ज्यादा ले जाने के लिए और निवेश करना होगा। इसे आसानी से 5 एमटी से 8 एमटी तक ले जाया जा सकता है।