Tata Steel का जमशेदपुर प्लांट विश्व आर्थिक मंच के इस संस्थान से जुड़ा, एमडी ने बताया गर्व का पल
वर्ष 1907 में टाटा स्टील की स्थापना हुई। वर्ष 2021 तक कंपनी ने अपने एकीकृत प्लांट में कार्य संस्कृति में लगातार सुधार किए। नई तकनीक व प्रौद्योगिकी को अपनाकर कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया। लगभग 114 वर्ष बाद टाटा स्टील आज भी आधुनिक रूप से उत्पादन कर रही है।
जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट को विश्व आर्थिक मंच की उन्नत लाइट हाउस में चौथे औद्योगिक क्रांति के लिए मान्यता दी गई है। इस नए मील के पत्थर के साथ टाटा स्टील ग्लोबल लाइट हाउस नेटवर्क में तीन अन्य कंपनियों की श्रेणी में शामिल हो गया है। इससे पहले टाटा स्टील का कलिंगनगर प्लांट और आईजुमेडेन का नीदरलैंड प्लांट शामिल है।
आपको बता दें कि वैश्विक स्तर पर भविष्य के उन्नत निर्माण और उत्पादन को बेहतर आकार देने के लिए लाइटहाउस नेटवर्क की स्थापना की है जिसका उद्देश्य चौथे औद्योगिक क्रांति प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के साथ-साथ विनिर्माण इकाइयों में होने वाले बदलाव को अपनाना है। लाइटहाउस नेटवर्क की मदद से कंपनियों को प्रौद्योगिकी में भी सहायता की जाती है ताकि उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ावा दिया जा सके। लाइटहाउस नेटवर्क में जमशेदपुर प्लांट को शामिल करने पर टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि यह टाटा स्टील और हम सभी कर्मचारियों के लिए गर्व का क्षण है। कलिंगनगर के बाद प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को लेकर जमशेदपुर प्लांट भी विश्व आर्थिक मंच की प्रतिष्ठित संस्था लाइटहाउस नेटवर्क में शामिल हो गया है। हम इस वर्ष जमशेदपुर के लिए इस उपलब्धि को हासिल कर खुश हैं।
ये हुए हैं बदलाव
उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक उपकरणों, उपयोगिताओं और डिजिटलाइजेशन से मशीनों के संचालन में आसानी हुई है जिसके कारण उत्पादकता में भी सुधार हुआ है। कोविद-19 महामारी ने डिजिटल विनिर्माण की ओर बढ़ने के हमारे संकल्प को और तेज कर दिया है। आपको बता दें कि वर्ष 1907 में टाटा स्टील की स्थापना हुई। वर्ष 2021 तक कंपनी ने अपने एकीकृत प्लांट में कार्य संस्कृति में लगातार सुधार किए। नई तकनीक व प्रौद्योगिकी को अपनाकर कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया। इसी का नतीजा है कि लगभग 114 वर्ष टाटा स्टील आज भी आधुनिक रूप से उत्पादन कर रही है।