एसएनटीआइ से कर्मचारी करेंगे डिप्लोमा, नहीं मिलेगा इंक्रीमेंट
टाटा स्टील के कर्मचारी अब कंपनी द्वारा संचालित शावक नानावटी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (एसएनटीआइ) से मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल और मेटलर्जी में डिप्लोमा कर पाएंगे।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारी अब कंपनी द्वारा संचालित शावक नानावटी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (एसएनटीआइ) से मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और मेटलर्जी में डिप्लोमा कर पाएंगे। लेकिन तीन वर्ष का कोर्स करने के लिए कर्मचारियों को न ड्यूटी से रिलीज मिलेगी और न ही कोर्स पूरा करने के बाद उन्हें हायर क्वालीफिकेशन के रूप में इंक्रीमेंट मिलेगा।
टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने गुरुवार दोपहर यूनियन कार्यालय ऑफिस बियरर की बैठक बुलाकर सभी पदाधिकारियों को डिप्लोमा के प्रारूप की जानकारी दी। टाटा स्टील के कर्मचारी अब तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) जमशेदपुर से कोर्स पूरा करते थे। इसके लिए उन्हें कंपनी बिजनेस में ड्यूटी से रिलीज भी मिलता था। कर्मचारियों को बस से लाया और ले जाया जाता था। लेकिन अब एसएनटीआइ में शाम साढ़े पांच से रात नौ बजे तक क्लास होंगे। शिफ्ट में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का अगर क्लास छूटता है तो वे ऑरिजनल रिपिट क्लास के तहत अगले सप्ताह अपना कोर्स पूरा कर पाएंगे। कंपनी प्रबंधन और यूनियन नेतृत्व के बीच हुए इस समझौते के तहत कर्मचारियों को दोहरा नुकसान होगा। पहला, कर्मचारियों को खुद से क्लास करने जाना होगा। उन्हें ड्यूटी से कोई रिलीज नहीं मिलेगा। दूसरा, बीआइटी मेसरा में पहले कोर्स करने के बाद कर्मचारियों को वी-8 में ऑर्ब्जव (समायोजित) किया जाता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब कोर्स पूरा होने के बाद संबधित कर्मचारी कंपनी में निकलने वाली आतंरिक बहाली में आवेदन के लिए योग्य होंगे। कुछ पदाधिकारियों ने कोर्स पूरा करने वाले कर्मचारियों को इंक्रीमेंट दिलाने की मांग अध्यक्ष से की। इस पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि यह पॉलिसी मैटर है और इस पर प्रबंधन से बात की जाएगी। इसे लेकर भी पदाधिकारियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि यूनियन नेतृत्व ने बिना कर्मचारियों के नफा-नुकसान सोचे समझौता कर दिया। हर कोर्स में रहेंगे 35 सीट
टाटा स्टील द्वारा एसएनटीआइ में पूर्व में भी कर्मचारियों को चार वर्षो का डिप्लोमा कोर्स कराया जाता था। उस समय एक विषय पर दो-तीन सेक्शन में पढ़ाई होती थी। जो भी कर्मचारी आते थे, उन्हें कोर्स के लिए शामिल किया जाता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब कर्मचारियों को डिप्लोमा कोर्स में शामिल होने से पहले लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से अपनी योग्यता साबित करनी होगी। मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और मेटलर्जी के लिए 35-35 सीट रहेंगी। हालांकि कुछ पदाधिकारियों ने कोर्स में सीट की संख्या बढ़ाने या साल में दो बार दाखिला लेने की मांग की। एक नजर में ::
-ट्रेड अप्रेंटिस वाले चार वर्ष जबकि कंपनी में छह वर्ष स्थायी नौकरी कर चुके दसवीं पास सामान्य कर्मचारी हो सकते हैं डिप्लोमा में शामिल।
-डिप्लोमा में शामिल होने वाले कर्मचारियों की अधिकतम आयु सीमा होगी 45 वर्ष। उम्र सीमा को और बढ़ाने पर किया जा रहा है विचार।
-टाटा स्टील में 13 हजार 500 कर्मचारी हैं कार्यरत। इंक्रीमेंट की मांग की तो यूथ इंटक से बाहर
टाटा स्टील प्रबंधन ने पिछले वर्ष ही एसएनटीआइ से डिप्लोमा कराने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद यूनियन के सहायक सचिव नितेश राज ने अध्यक्ष आर रवि प्रसाद से कोर्स पूरा करने वाले कर्मचारियों को एक-एक इंक्रीमेंट देने की मांग की। इसका नतीजा यह हुआ कि उन्हें यूथ इंटक के जिलाध्यक्ष के पद से बाहर कर दिया गया। इसके बदले अध्यक्ष ने दूसरे कमेटी मेंबर के नाम की अनुशंसा कर दी। पूर्वी सिंहभूम में टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष द्वारा नामित सदस्य ही यूथ इंटक का जिलाध्यक्ष होता है।