टाटा स्टील के स्थायी कर्मचारियों के बेसिक में जुड़ेंगे सभी भत्ते
Tata steel. टाटा स्टील के सभी स्थायी कर्मचारियों के बेसिक में अब उनके सभी भत्ते जुड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए एक आदेश के बाद कंपनी प्रबंधन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद । टाटा स्टील के सभी स्थायी कर्मचारियों के बेसिक में अब उनके सभी भत्ते जुड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए एक आदेश के बाद कंपनी प्रबंधन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
टाटा स्टील में कार्यरत कर्मचारियों (स्टील व एनएस ग्रेड) को काम के बदले जो वेतन मिलता है। उसमें बेसिक सहित कई तरह के भत्ते होते हैं। इनमें महंगाई भत्ता, रात्रि पाली भत्ता, वाहन भत्ता, वाहन मरम्मती भत्ता और यूटिलिटी भत्ता मुख्य है। इसके अलावा अधिकारियों को उनके बेहतर प्रदर्शन पर स्पेशल एलाउंस भी मिलते हैं। वहीं, जिन कर्मचारियों के बच्चे टाटा स्टील द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ते हैं उन्हें एजुकेशन भत्ता भी मिलता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद अब कर्मचारियों को मिलने वाले ये सभी भत्ते उनके बेसिक में जुड़ जाएंगे।
30 हजार कर्मचारियों को फायदा
इसका सबसे बड़ा फायदा कर्मचारियों को होगा। उनके कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) में कटने वाला अंशदान पहले की अपेक्षा बढ़ जाएगा। वहीं, इसका नुकसान कंपनी प्रबंधन पर भी पड़ेगा, क्योंकि जितना कर्मचारियों का अंशदान रहेगा उतनी राशि प्रबंधन भी देगी। टाटा स्टील जमशेदपुर, कलिंगनगर, टिस्को ग्रोथ शॉप, माइंस, कोलियरी व मार्केटिंग एंड सेल्स में कार्यरत लगभग 30 हजार कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे। कंपनी प्रबंधन की ओर से शुरू किए गए इस कार्य से कर्मचारी खुश हैं।
एचआरए में होगा नुकसान
टाटा स्टील के ऐसे कर्मचारी जो वर्तमान में कंपनी क्वार्टर में रहते हैं। नई व्यवस्था से उन्हें नुकसान होगा। वर्तमान में ऐसे कर्मचारियों का बेसिक का 10 प्रतिशत हाउस रेंट एलाउंस (एचआरए) के रूप में प्रबंधन काटती है। बेसिक बढ़ने के बाद उनका एचआरए भी बढ़ जाएगा। वहीं, जो कर्मचारी क्वार्टरों में नहीं रहते हैं उन्हें प्रबंधन से बेसिक का दस प्रतिशत एचआरए मिलता है तो उनकी बल्ले-बल्ले होगी।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी कंपनियां जो अपने कर्मचारियों को वेतन देती है। उसमें बेसिक को कम दिखाने के लिए प्रबंधन कई तरह के भत्ते देकर कर्मचारियों के सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) को बढ़ा देती है। इससे कर्मचारियों का पीएफ में अंशदान कम हो जाता है और भविष्य में सेवानिवृत्त के समय इसका उन्हें सीधा नुकसान होता है।
आदेश का अक्षरश: होगा पालन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन होगा और कर्मचारियों के वेतन में भत्तों को जोड़ा जाएगा, लेकिन यह आदेश कब से प्रभावी होगा? इसे लेकर थोड़ी गफलत है। आदेश, कर्मचारी के कंपनी ज्वाइन करने से शुरू होगी या जब से मामले की सुनवाई शुरू हुई या जब आदेश आया? सीआइआइ सहित कई संस्थान ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मार्गदर्शन मांगा गया है।
-सुरेश दत्त त्रिपाठी, वाइस प्रेसिडेंट, एचआरएम