Electricity rate will increase: टाटा स्टील व जुस्को देगी अपने उपभोक्ताओं को झटका, बढ़ेगी बिजली की दर
Electricity rate will increase. बिजली वितरण कंपनी टाटा स्टील और टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (पूर्व में जुस्को) अपने उपभोक्ताओं को बिजली का झटका देने की तैयारी कर रही है। वर्तमान दर में प्रति यूनिट 10 पैसे की कमी का प्रस्ताव दिया है।
जमशेदपुर, जासं। बिजली वितरण कंपनी टाटा स्टील और टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (पूर्व में जुस्को) अपने उपभोक्ताओं को बिजली का झटका देने की तैयारी कर रही है। बिजली उत्पादन कंपनी, टाटा पावर ने भले ही बिजली की वर्तमान दर में प्रति यूनिट 10 पैसे की कमी का प्रस्ताव दिया है लेकिन टाटा स्टील व जुस्को ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए अपने प्रस्तावित टैरिफ में बिजली की वर्तमान दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।
बता दें कि टाटा स्टील को जमशेदपुर में बिजली वितरण का लाइसेंस प्राप्त है जिसके जमशेदपुर व आसपास में लगभग 47 हजार उपभोक्ता हैं। ऐसे में टाटा स्टील ने अपने बिजली खरीदने की लागत में आई बढ़ोतरी का हवाला देते हुए वर्तमान टैरिफ में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। आयोग को भेजे गए प्रस्तावित टैरिफ में टाटा स्टील ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के घरेलू व कॉमर्शियल उपभोक्ताओं सहित हाईटेंशन, लो टेंशन सहित सभी उपभोक्ताओं की वर्तमान ट्रैरिफ में फिक्सड व एनर्जी चार्ज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। जिसके तहत टाटा स्टील ने अपने वर्तमान फिक्सड चार्ज में न्यूनतम पांच रुपये और अधिकतम 30 रुपये जबकि एनर्जी चार्ज में न्यूनतम 65 पैसे लेकर 1.50 रुपये तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। जबकि जुस्को ने सरायकेला-खरसावां के 6000 उपभोक्ताओं को भी बिजली का झटका देने को तैयार है।
फिक्सड चार्ज में न्यूनतम 10 रुपये से लेकर अधिकतम 125 रुपये बढ़ोतरी का प्रस्ताव
इस कंपनी ने अपने फिक्सड चार्ज में न्यूनतम 10 रुपये से लेकर अधिकतम 125 रुपये जबकि एनर्जी चार्ज में प्रति यूनिट 20 पैसे से लेकर 1.75 रुपये तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। इस बढ़ोतरी के खिलाफ आयोग ने दोनो कंपनियों के सभी उपभोक्ताओं को 15 मार्च 2021 तक आपत्ति देने को कहा है। आपत्ति मिलने के बाद आयोग की ओर से जन सुनवाई आयोजित की जाएगी। जिसमें तय होगा कि आयोग उपभोक्ताओं को राहत देगी या बिजली का झटका देगी। बिजली की दर में बढ़ोतरी से आम उपभोक्ताओं के बजट में गड़बड़ी होने की पूरी गुंजाइश है।