Move to Jagran APP

नई चीजें सीखने व खोजने के असीमित अवसर देती टाटा स्टील : अत्रेई सरकार

गुरुवार को टाटा स्टील कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट का पदभार संभालने वाली अत्रेई सरकार ने का कहना है कि टाटा स्टील ऐसी कंपनी है जो अपने कर्मचारियों को प्रतिभा निखारने का पूरा अवसर देती है। बस जरूरत है कर्मचारी पूरी मेहनत और लगन से अपना कार्य करे। प्रस्तुत है उनसे दैनिक जागरण से बातचीत के मुख्य अंश

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 09:00 AM (IST)
नई चीजें सीखने व खोजने के असीमित अवसर देती टाटा स्टील : अत्रेई सरकार
नई चीजें सीखने व खोजने के असीमित अवसर देती टाटा स्टील : अत्रेई सरकार

जासं, जमशेदपुर : गुरुवार को टाटा स्टील कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट का पदभार संभालने वाली अत्रेई सरकार ने का कहना है कि टाटा स्टील ऐसी कंपनी है जो अपने कर्मचारियों को प्रतिभा निखारने का पूरा अवसर देती है। बस जरूरत है कर्मचारी पूरी मेहनत और लगन से अपना कार्य करे। प्रस्तुत है उनसे दैनिक जागरण से बातचीत के मुख्य अंश ::: टाटा स्टील में आज तक का कैसा रहा आपका अनुभव?

loksabha election banner

मैं वर्ष 1998 में टाटा स्टील से जुड़ी और विभिन्न पदों पर काम करने का मुझे सौभाग्य मिला। टाटा स्टील हमेशा नई चीजों को खोजने, सीखने, कुछ नया करने का असीमित अवसर देती है। यह किसी भी संस्थान में एक कर्मचारी के लिए यह सबसे अच्छा अनुभव होता है जिसकी वे अपने संस्थान से उम्मीद करते हैं।

-------

एलजीबीटीक्यू को समान अधिकार व अवसर देने के मामले में आपकी क्या योजना है?

टाटा स्टील में हर वर्ग के कर्मचारी को समान अवसर मिले, इसके लिए हम समावेशी कार्यक्षेत्र निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए हम एलजीबीटीक्यू (लेस्बियन, गे, बाइ सेक्सूअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर) को समान अवसर देने और उन्हें बेहतर कार्यक्षेत्र देने के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए हमने रोजगार मॉडल तैयार करते हुए विग्स नाम से एक रिसोर्स ग्रुप की शुरुआत की ताकि कंपनी में इनकी सक्रिय भागीदारी बढ़ सके।

---------------

एलजीबीटीक्यू और ट्रांसजेंडरों को कार्यक्षेत्र में कोई परेशानी न हो, इसके लिए क्या पहल की जा रही है?

टाटा स्टील में हम डाइवर्स वर्कफोर्स को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। कंपनी में वर्तमान में कुल कर्मचारियों की संख्या का सात प्रतिशत महिला कर्मचारी कार्यरत हैं। हमारी कोशिश है कि डाइवर्स वर्कफोर्स योजना के तहत वर्ष 2025 तक ऐसे कर्मचारियों की संख्या को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है। इसके अलावा एलजीबीटीक्यू और ट्रांसजेंडरों को दूसरे कर्मचारियों के साथ कार्यस्थल पर समान अवसर मिले। इसके लिए पिछले साल ही टाटा स्टील ने एचआर पॉलिसी लागू की। जो एलजीबीटीक्यू को अपने पार्टनर के लिए कानूनी अधिकार देती है।

------

ऑपरेशन में लैगिग विविधता के लिए कंपनी क्या प्रयास कर रही है ?

टाटा स्टील हमेशा महिलाओं को अधिक अवसर देने का प्रयास करती है। झारखंड सरकार की मंजूरी के बाद टाटा स्टील के कोक प्लांट, इलेक्ट्रिकल रिपेयर शॉप और एसएमडी में 90 महिलाएं बी शिफ्ट (दोपहर दो से रात 10 बजे तक) में भी काम कर रही है। इसके अलावा इस साल जनवरी से कलिगनर में भी इस तरह की पहल शुरू की गई है। इसके अलावा वीमेन एट माइंड प्रोग्राम के तहत टाटा स्टील के ओएमक्यू डिविजन, भारत का पहला माइंस डिविजन बन गया है जहां हर श्रेणी की महिला कर्मचारी (अधिकारी, कर्मचारी व ठेका कर्मचारी) शामिल है।

---------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.