टाटा स्टील के क्वार्टरों का मेंटेनेंस व मॉडिफिकेशन को देना होगा दोगुना
टाटा स्टील में क्वार्टरों का मेंटेनेंस और मॉडिफिकेशन अब दो
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में क्वार्टरों का मेंटेनेंस और मॉडिफिकेशन अब दोगुना महंगा हो गया है। टाटा वर्कर्स यूनियन और कंपनी प्रबंधन के बीच इसको लेकर पिछले सप्ताह समझौता हुआ था। इस पर अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव कुमार चौधरी और महासचिव बीके डिंडा ने हस्ताक्षर किए थे। गुरुवार को अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने सभी ऑफिस बियरर और कमेटी मेंबरों को इसकी आधिकारिक जानकारी दी।
टाटा स्टील प्रबंधन ने कुछ माह पहले टाटा वर्कर्स यूनियन को क्वार्टर मेंटेनेंस और मॉडिफिकेशन (टीआरएम) मद में राशि को चार गुणा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। यूनियन के दबाव के बाद उस प्रस्ताव में संशोधन किया गया। नए समझौते के अनुसार अगर कंपनी क्वार्टर मॉडिफिकेशन में 10 हजार रुपये खर्च हुआ तो कर्मचारी को अब 20 हजार रुपये का भुगतान मासिक किश्त में कंपनी को करना होगा। अधिकतम 20 साल तक की किश्त बंधेगी। अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने बताया कि पहले प्रबंधन ने प्रस्ताव दिया था कि टाटा स्टील अपने क्वार्टरों के मेंटेनेंस व मॉडिफिकेशन पर जो भी खर्च करेगी, उसकी कीमत को चार गुना अधिक वसूलेगी। कंपनी इसे अप्रैल से प्रभावी करना चाहती थी। यूनियन के विरोध की वजह से इसमें संशोधन किया गया।
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ऐसे समझें गुणा-भाग
वर्तमान में अगर कोई भी कर्मचारी 2 लाख 40 हजार रुपये का मॉडिफिकेशन अपने क्वार्टर में कराता है तो कंपनी 20 साल गुना 12 माह के हिसाब से 240 से इसको भाग देती है। इसके अनुसार कर्मचारियों का हर माह 1000 रुपये वेतन से कटता रहता था और मॉडिफिकेशन भी क्वार्टर का हो जाता था। अब 2 लाख 40 हजार की जगह 4 लाख 80 हजार को 240 दिन से भाग देकर किश्त बनेगी।