Tata Sons : चेयरमैन एन चंद्रशेखरन बोले-टाटा समूह के स्ट्रक्चरल लीडरशिप में नहीं हो रहा कोई बदलाव
Ratan Tata दुनिया की सबसे पुरानी औद्योगिक समूहों में से एक टाटा समूह अब अपने लीडरशिप स्ट्रक्चर में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। फिलहाल टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन है। लेकिन आने वाले समय में कई कंपनियों के अलग-अलग मुखिया हो सकते हैं।
जमशेदपुर : देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने और नमक से लेकर स्टील और विमानन सेवा से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की लीडरशिप स्ट्रक्चर में बदलाव की अफवाह उड़ रही थी।लेकिन टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि टाटा संस में स्ट्रक्चरल लीडरशिप में कोई परिवर्तन नहीं होने जा रहा है। ऐसी किसी भी खबरों में कोई नहीं है। इस पर यदि कोई निर्णय लिया भी जाता है तो उस पर नॉमिनेशन एंड रीम्युरेशन कमेटी द्वारा होता है। इस तरह की अफवाह आना बेहद निराशाजनक है और इससे हमें अपने ऑपरेशन के संचालन में व्यवधान उत्पन्न होता है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर में कहा गया था कि सेबी का कहना है कि बेहतर कामकाज और प्रबंधन के लिए यह जरूरी है कि देश की टॉप 500 लिस्टेड कंपनियों में चेयरमैन और सीईओ के पद पर अलग-अलग व्यक्ति होना चाहिए। इसलिए अब टाटा संस इसके लिए अपनी समूह कंपनियों में से ही योग्य अधिकारियों की तलाश शुरू कर दी है।
रतन टाटा 21 वर्षों तक रहे हैं चेयरमैन
टाटा ट्रस्ट के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा वर्ष 1992 से 2012 तक टाटा संस के चेयरमैन के रूप में काम किया और समूह को नई ऊंचाइयों पर लेकर गए। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है विदेशों में टाटा का विस्तार करना। वर्ष 2008 में उन्होंने फोर्ड की प्रतिष्ठित कंपनी जगुआर लैंड रोवर खरीदा और कुछ सालों साल बाद यूरोपियन स्टील कंपनी, कोरस का अधिग्रहण किया। फिलहाल टाटा संस का फोकस डिजिटल क्षेत्र में है। समूह ने हाल ही में बिग बास्केट, तेजस नेटवर्क, वन एमजी, क्योरफिट जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया था। हालांकि केंद्र सरकार ने सुपर एप की राह में रोड़ा अटका दिया है। जहां तक ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात है तो टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहन बनाने पर जोर दे रही है। टाटा नेक्सन जैसी कारें बाजार में धूम मचा रही है।