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टाटा संस की फिर हो जाएगी एयर इंडिया, नागर विमानन के दिग्गजों में मची हलचल

एक समय एयर इंडिया टाटा संस की हुआ करती थी। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में एयर इंडिया को राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। लेकिन आज समय का पहिया ऐसा घूमा कि वहीं एयर इंडिया को निजी हाथों में देने के लिए बोली लगाई जा रही है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 09:25 AM (IST)
टाटा संस की फिर हो जाएगी एयर इंडिया, नागर विमानन के दिग्गजों में मची हलचल
एयर इंडिया को लेकर नागर विमानन के दिग्गजों में मची हलचल।

जमशेदपुर, जासं। आजादी के बाद कई वर्षों तक एयर इंडिया टाटा संस के पास ही थी। इसका संचालन भारत के प्रथम पायलट व टाटा संस के तत्कालीन चेयरमैन जेआरडी टाटा कर रहे थे। एक बार फिर ऐसी परिस्थिति बन रही है, जिससे ऐसा लग रहा है कि एयर इंडिया टाटा संस की हो जाएगी।

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एयर इंडिया लगभग 40,000 करोड़ रुपये के कर्ज में चल रही है। एयर इंडिया 2017 के बाद से ही विनिवेश के अवसरों की तलाश में है। इसके लिए लेनदारों से 50,000 करोड़ रुपये की न्यूनतम बोली रखी गई थी। यह बोली 2019 में आमंत्रित की गई थी, लेकिन कोविड (कोरोना) महामारी से इस प्रक्रिया में ब्रेक लग गया था।

कर्जों का आकलन कर रहा टाटा संस

विचाराधीन बोलीदाताओं में टाटा संस भी शामिल है। भारत के सबसे प्रसिद्ध ब्रांडों में से एक टाटा की 8 लाख करोड़ की होल्डिंग कंपनी। यह एयर इंडिया का अधिग्रहण करने को उत्सुक भी है, लेकिन आगे बढ़ने से पहले कर्जों का आकलन कर लेना चाहती है। कंपनी एयर इंडिया के व्यावसायिक बुनियादी सिद्धांतों की गहन समझ चाहती है, जिसमें बेड़े की ताकत, मार्गों, उपकरणों और खरीद से लेकर छिपे हुए ऋण, दायित्वों, देनदारियों और सहायक कंपनियों तक।

सिंगापुर एयरलाइंस व विस्तारा के बाद होगी एयर इंडिया

टाटा संस फिलहाल सिंगापुर एयरलाइंस के साथ विस्तारा का सहमालिक है। पूर्व में 51प्रतिशत बहुमत हिस्सेदारी के साथ और एयर एशिया का लगभग 84 प्रतिशत का भी मालिक है। टाटा संस ने डील खत्म होने के बाद व्यापक एयरलाइन पोर्टफोलियो के भीतर एयर इंडिया को एकीकृत करने के लिए रोडमैप बनाने में मदद करने के लिए डेल्टा और यूनाइटेड एयरलाइंस के विमानन विशेषज्ञों को भी काम पर रखा है।

एक रणनीतिक निवेश

एयर इंडिया की संकटग्रस्त स्थिति कम कीमत का टैग बनने की संभावना है, और समूह को अपनी बैलेंस शीट को ऐसे समय में फ्लिप करने की उम्मीद है जब पूरी तरह से हवाई यात्रा अपनी गति प्राप्त कर रही है। वैक्सीन रोलआउट और प्रतिबंधों में ढील से व्यापार और अवकाश यात्रा में वृद्धि देखी जा रही है, और दुनिया भर में एयरलाइंस मुनाफे की लंबी यात्रा शुरू कर रही हैं।


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