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टाटा मोटर्स ने फरवरी में बेचे 57 हजार से अधिक घरेलू वाहन

Tata motors. टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार में फ रवरी में 57 हजार 221 वाहन बेचे जो सालाना आधार पर तीन प्रतिशत की कमी को दिखाता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 02:31 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 02:31 PM (IST)
टाटा मोटर्स ने फरवरी में बेचे 57 हजार से अधिक घरेलू वाहन
टाटा मोटर्स ने फरवरी में बेचे 57 हजार से अधिक घरेलू वाहन

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा मोटर्स ने घरेलू बाजार में फ रवरी में 57 हजार 221 वाहन बेचे जो सालाना आधार पर तीन प्रतिशत की कमी को दिखाता है। पिछले साल फ रवरी में उसने 58 हजार 993 गाडिय़ों की बिक्री की थी। टाटा मोटर्स की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि घरेलू बाजार में कंपनी के यात्री वाहनों की बिक्री दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ 18 हजार 110 इकाइयों पर रही। फ रवरी 2018 में कंपनी ने 17 हजार 771 यात्री वाहन बेचे थे।

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टाटा मोटर्स के यात्री वाहन कारोबार के प्रमुख मयंक पारीक ने बयान जारी कर कहा कि हमारी नई पीढ़ी के उत्पादों के बेहतर प्रदर्शन के दम पर चुनौतीपूर्ण माहौल में भी हमने दो प्रतिशत की वृद्धि हासिल की। कंपनी ने कहा कि घरेलू बाजार में उसके वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पांच प्रतिशत की कमी के साथ 39 हजार 111 इकाइयों पर रही। पिछले साल फरवरी में यह आंकड़ा 41 हजार 222 वाहनों का रहा था। टाटा मोटर्स ने कहा कि फ रवरी 2019 में उसने कुल 2 हजार 930 वाहनों का निर्यात किया जो सालाना आधार पर 39 प्रतिशत की कमी को दिखाता है।

काम पर लौटे टाटा मोटर्स 500 अस्थायीकर्मी

टाटा मोटर्स के करीब 500 अस्थायी कर्मचारी शुक्रवार को काम पर लौटे। बीते माह फरवरी में कम उत्पादन होने की वजह से इन अस्थायी कर्मियों का सेपरेशन किया गया था। फिर काम बढऩे के साथ ही इनकी वापसी हो गई। शुक्रवार से कंपनी के कई डिवीजनों में दो पाली में काम शुरू हुआ। टाटा मोटर्स के एसेंबली लाइन में जहां एक पाली में काम होता था वहां अब दोनों पाली में काम शुरू होगा। बीते माह की अपेक्षा मार्च में कंपनी का उत्पादन बढ़ा है।

कमेटी मेंबर करने लगे शिफ्ट ड्यूटी 

टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबरों ने ड्यूटी शुरू कर दी है। पहले ये ए पाली में आते थे तथा पंचिग कर वापस भी चले जाते थे, लेकिन अब प्रबंधन के आदेश के बाद ऐसा नहीं हो रहा है। अब कमेटी मेंबरों के विभाग में ड्यूटी चार्ट में इनका नाम भी रहता है तथा ये दोनों पाली ए व बी में काम करना होगा।

पदाधिकारियों पर भी कसा शिकंजा 

कमेटी मेंबरों के बाद अब यूनियन पदाधिकारियों पर भी शिकंजा कसता जा रहा है। अभी तक यूनियन पदाधिकारी पंचिंग कर कंपनी से बाहर चले जाते थे, लेकिन अब इन्हें भी आठ घंटे शॉप-फ्लोर पर रहने का आदेश मिला है। बीते गुरुवार को डिवीजनल प्रमुख ने पदाधिकारियों को कंपनी में आठ घंटे रहने की सलाह दी है।


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