Bonus in Tata Motors : टाटा मोटर्स में अबतक नहीं बना बोनस का कोई फार्मूला
Bonus in Tata Motors . टाटा मोटर्स में कर्मचारियों के सालाना बोनस के लिए कोई फार्मूला नहीं है। यहां बार्गेनिंग (सौदेबाजी) कर समझौता किया जाता है। शायद यहीं वजह है कि बोनस समझौते में विलंब होता है। जहां फार्मूला बना हुआ है वहां समझौता करने में समय नहीं लगता।
जमशेदपुर, जासं। टाटा मोटर्स में कर्मचारियों के सालाना बोनस के लिए कोई फार्मूला नहीं है। यहां बार्गेनिंग (सौदेबाजी) कर समझौता किया जाता है। शायद यहीं वजह है कि बोनस समझौते में विलंब होता है। टाटा स्टील, टिनप्लेट, जुस्को समेत अन्य कंपनियों में जहां फार्मूला बना हुआ है, वहां बोनस समझौता करने में समय नहीं लगता है। एक-दो वार्ता के बाद सहमति बन जाती है।
टाटा स्टील में बोनस पत्र सौंपने के बाद एक बार ही वार्ता हुई तथा समझौता हो गया। लेकिन ऑटो मोबाइल कंपनी का हवाला देते हुए अभी तक यहां बोनस का फार्मूला नहीं बना है। इसे लेकर कई बार फार्मूला बनाने की बात भी उठी, लेकिन सहमति नहीं बनी। टाटा मोटर्स में उत्पादन-उत्पादकता व लाभ का आकलन करने के बाद बोनस होता है। मुनाफा ज्यादा होने पर अधिक व कम मुनाफे पर कम बोनस मिलते आया है। प्रबंधन-यूनियन के बीच वार्ता का दौर चलता है, तथा पिछले समझौते का उदाहरण देकर, उसके आधार पर ही बोनस होता है।
बोनस पर दिखेगा कोरोना का असर
टाटा मोटर्स कर्मचारियों के सालाना बोनस पर वैश्विक महामारी कोरोना का असर दिखने को मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत में लॉकडाउन की वजह से कंपनी का उत्पादन प्रभावित हुआ। वहीं बाजार में आई मंदी की वजह से कंपनी को कई बार ब्लॉक-क्लोजर भी लेना पड़ा है। उत्पादन कम होने का सीधा असर कंपनी की सेहत पर पड़ा है। इन सब के बीच कंपनी को बोनस करना है तो परंपरा के मुताबिक अस्थायी कर्मियों को स्थायीकरण भी। इसे लेकर टाटा मोटर्स प्रबंधन काफी गंभीर है। कंपनी के मुनाफे, उत्पादन व सुरक्षा का आंकलन किया जा रहा है। बोनस के साथ स्थायीकरण पर उच्वस्तरीय वार्ता चल रही है। इधर, यूनियन भी बोनस के साथ बाई सिक्स कर्मचारियों को स्थायीकरण की मांग करने लगी है।
बोनस समझौते को है कंपनी मुख्यालय का इंतजार
टाटा मोटर्स के मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद ही यहां बोनस होगा। मुख्यालय से बोनस मद में कितनी राशि मिल रही है। कंपनी उसे यहां कैसे बांटेगी। इन सभी विषयों पर निर्णय होने के बाद ही यहां बोनस पर वार्ता शुरू होगी तथा उस पर मुहर लगेगी। यूनियन की ओर से प्रबंधन को बोनस पत्र थमाया गया है। प्रबंधन उस पत्र पर विचार कर रहा है। बहुत जल्द प्रबंधन-यूनियन की वार्ता शुरू होगी। फिर बोनस राशि पर सहमित बनाने के बाद समझौता होगा। बीते साल कर्मचारियेां को 12.9 फीसद बोनस मिला है। न्यूनतम 19 हजार तो अधिकतम 49 हजार रुपए कर्मचारियों के खाते में गई थी। इसके साथ ही 306 अस्थायी कर्मियों को स्थायी हुआ था। समझौते से 5400 स्थायी व 4700 अस्थायी कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
पिछले पांच साल का बोनस एक नजर में :
वित्तीय वर्ष -- फीसद -- राशि (न्यूनतम-अधिकतम)
2014-15 ---- 10 -- 14135 -- 31390
2015-16 ----- 12 --- 16200 -- 33150
2016-17 -----10 --- 17893 -- 36018
2017-18 -----12.2 --- 23231 -- 46323
2018-19 -----12.9 ---19000 -- 49000