कुपोषण की चुनौती से निपट रही टाटा मोटर्स
टाटा मोटर्स शहर में कुपोषण की चुनौती से निपटने में लगी हुई है। टाटा मोटर्स के परिवार कल्याण संस्थान में स्थापित कुपोषण उपचार केंद्र अपने आरोग्या कार्यक्रम के तहत बच्चों को स्वस्थ करने का काम कर रहा है।
जासं, जमशेदपुर : टाटा मोटर्स शहर में कुपोषण की चुनौती से निपटने में लगी हुई है। टाटा मोटर्स के परिवार कल्याण संस्थान में स्थापित 'कुपोषण उपचार केंद्र' अपने 'आरोग्या' कार्यक्रम के तहत बच्चों को स्वस्थ करने का काम कर रहा है।
सीएसआर कार्यक्रम में टाटा मोटर्स ने जमशेदपुर में कुपोषण उपचार केंद्र स्थापित किए हैं। जहा गंभीर रूप से कुपोषित शिशुओं और 0-5 वर्ष की आयु के बच्चों का चिकित्सकीय उपचार किया जाता है।
टाटा मोटर्स 'आरोग्या' मुख्य रूप से मातृ और बाल स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसमें निवारक स्वास्थ्य देखभाल और उपचारात्मक स्वास्थ्य हस्तक्षेप के लिए एक समग्र और संतुलित दृष्टिकोण है। कंपनी ने बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे भारत में पोषण पुनर्वास केंद्रों के साथ समझौता किया है।
संस्था पौष्टिक नाश्ता, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सत्र आयोजित करती है और कुपोषण की दर को कम करने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है। इसमें बच्चों की देखभाल तब तक होता है जब तक कि उनके स्वास्थ्य में सुधार न हो, लेकिन उसके बाद भी सावधानीपूर्वक देखभाल करना हाता है। स्थानीय आगनवाड़ियों के सहयोग से कुपोषित बच्चों को यहां पहुंचाया जाता है तथा इन बच्चों को दूध और विटामिन प्रदान किया जाता है। सफल रहा मॉडल टाटा मोटर्स ने कुपोषण उपचार केंद्रो के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल को संस्थागत रूप देने का बीड़ा उठाया है। इस मॉडल की सफ लता को देखकर राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में झारखंड में 87 केंद्रों पर और अन्य राज्यों में मॉडल की प्रतिकृति तैयार की। सार्थक सामाजिक जुड़ाव
वित्त वर्ष 2018-19 में टाटा मोटर्स ने अपने स्वास्थ्य कार्यक्रम 'आरोग्या' के माध्यम से भारत में लगभग तीन लाख जीवन को सफ लतापूर्वक छुआ है। सामुदायिक विकास और सार्थक सामाजिक जुड़ाव टाटा मोटर्स में कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी प्रयासों के केंद्र में रहा है। बड़े पैमाने पर संयंत्र के आसपास समुदायों के लिए इन सकारात्मक कार्रवाई कार्यक्रमों के माध्यम से समावेशी विकास सुनिश्चित किया जाता है।
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2009 से चल रहा उपचार केंद्र
कुपोषण उपचार केंद्र 2009 से ही टेल्को के पीकेएस में चल रहा है। पहले यहां छह बेड था जो 2012 में 10 हो गया। झारखंड सरकार के साथ मिलकर टाटा मोटर्स कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने का काम शुरू किया है। खाने-पीने, रहने से लेकर बेहतर इलाज के माध्यम से जच्चा-बच्चा का ख्याल किया जाता है। इसमें बच्चों का वजन बढ़ने के साथ ही उसे घर भेज दिया जाता है।