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मंदी में हिताची ने किया था बेहतर प्रदर्शन, अब हो जाएगी बंद, ये रही वजह

टाटा हिताची कंस्ट्रक्शन मशीनरी कंपनी लिमिटेड (पुराना नाम टेल्कॉन) का जमशेदपुर स्थित मदर प्लाट टाटा हिताची वहीं कंपनी है जिसने 1995-99 की मंदी में टाटा मोटर्स को मजबूती प्रदान की थी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 11:36 AM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 11:36 AM (IST)
मंदी में हिताची ने किया था बेहतर प्रदर्शन, अब हो जाएगी बंद, ये रही वजह
मंदी में हिताची ने किया था बेहतर प्रदर्शन, अब हो जाएगी बंद, ये रही वजह

जमशेदपुर[अरविंद श्रीवास्तव]। आधारभूत संरचना निर्माण उपकरणों को बनाने वाली टाटा हिताची कंस्ट्रक्शन मशीनरी कंपनी लिमिटेड (पुराना नाम टेल्कॉन) का जमशेदपुर स्थित मदर प्लाट टाटा हिताची वहीं कंपनी है जिसने 1995-99 की मंदी में टाटा मोटर्स को मजबूती प्रदान की थी। 

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2000 से पूर्व यह टाटा हिताची (टेल्कॉन) टाटा मोटर्स की सीइबीयू (कंस्ट्रक्शन इक्वीपमेंट बिजनेस यूनिट) थी, जिसमें एक्सकेवेटर बनाए जाते थे। 31 मार्च-1999 में टाटा मोटर्स से अगल होकर यह यूनिट पहले टेल्कॉन बनी फिर टाटा हिताची हो गई। शुरू में इस कंपनी में 1250 कर्मचारी स्थानांतरित होकर आए थे जो आज घटकर 160 तक पहुंच गया है।

मंदी का सीधा असर टाटा मोटर्स पर

1995 से 99 तक ऑटो मोबाइल सेक्टर में मंदी आई थी जिसका सीधा असर टाटा मोटर्स पर पड़ा था, लेकिन उस समय भारी उपकरण वाली मशीनों एक्सकेवेटर की काफी मांग थी। उस समय टाटा हिताची (सीइबीयू) के लाभांश से कंपनी के करीब 14 हजार स्थायी कर्मियों के वेतन समेत अन्य सुविधाओं का भार वहन हुआ था। लेकिन वहीं हिताची आज खडग़पुर की ओर कूच कर गई है। टाटा-हिताची में टाटा का 40 फीसद शेयर है। 

साल के अंत तक बंद हो जाएगा प्लांट

साल के अंत तक यह प्लांट बंद हो जाएगा। वर्ष 2016 से ही कंपनी का काम ऑफ लोड किया जा रहा है तथा खडग़पुर इकाई का विस्तारीकरण जोर-शोर से चल रहा है। अप्रैल 2017 में पहले यहां के अधिकारियों को खडग़पुर भेजा गया। फिर धीरे-धीरे कर्मचारियों की शिफ्टिंग शुरू है।

खडग़पुर के अस्पताल से होगा करार

जमशेदपुर से खडग़पुर गए कर्मचारियों व उनके परिजनों के ईलाज के लिए खडग़पुर स्थित किसी अस्पताल से करार होगा। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। खडग़पुर स्थित बीसी राय हॉस्पिटल या फिर रेलवे हॉस्पिटल में कर्मचारियों व उनके परिजनों का ईलाज कराने पर सहमति बनेगी।

नहीं हुई थी कर्मचारियों की  कटौती

1995 के दशक में ऑटो सेक्टर में मंदी थी जबकि एक्सकेवेटर का बाजार बेहतर था। उस समय यह कंपनी बेहतर प्रदर्शन किया था। कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती नहीं हुई है। मार्च-2020 तक यहां टाटा मोटर्स अस्पताल में ईलाज होगा तथा उसके बाद खडग़पुर स्थित किसी बड़े हॉस्पिटल से समझौता किया जाएगा।

- सी. माझी, अध्यक्ष टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन


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