एक अक्टूबर से टाटा हिताची, जमशेदपुर में नहीं रहेंगे एक भी कर्मी
टाटा हिताची कंस्ट्रक्शन मशीनरी कंपनी लिमिटेड (पुराना नाम टेल्कॉन) के प्लाट (जमशेदपुर) के शेष सभी कर्मचारी 30 सितंबर तक खड़गपुर प्लांट में चले जाएंगे। कंपनी परिसर में सिर्फ कुछ मशीनें व फर्नीचर रह जाएंगे। सितंबर तक कर्मचारियों को खड़गपुर भेजने के बाद यहां की शेष मशीनों की शिफ्टिंग फर्नीचर समेत अन्य सामग्री को वहां भेजी जाएंगी।
अरविंद श्रीवास्तव, जमशेदपुर : टाटा हिताची कंस्ट्रक्शन मशीनरी कंपनी लिमिटेड (पुराना नाम टेल्कॉन) के प्लाट (जमशेदपुर) के शेष सभी कर्मचारी 30 सितंबर तक खड़गपुर प्लांट में चले जाएंगे। कंपनी परिसर में सिर्फ कुछ मशीनें व फर्नीचर रह जाएंगे। सितंबर तक कर्मचारियों को खड़गपुर भेजने के बाद यहां की शेष मशीनों की शिफ्टिंग, फर्नीचर समेत अन्य सामग्री को वहां भेजी जाएंगी। इस कार्य के लिए जरूरत के मुताबिक खड़गपुर से कर्मियों का बुलाया जा सकता है।
-----------
20 को रिलीज होंगे 8 कर्मी
टाटा हिताची में बचे आठ कर्मचारियों को 20 सितंबर से रिलीज किया जाएगा। इन्हें दस दिन का स्पेशल लीव मिलेगा। इस दौरान खड़गपुर जाकर उन्हें ठहरने आदि की व्यवस्था करनी है। इन्हें 30 सितंबर तक कंपनी में रिपोर्ट करना है।
एक अक्टूबर, 2018 से भेजे जा रहे कर्मचारी
एक अक्टूबर, 2018 से कर्मचारियों को खड़गपुर भेजा जा रहे हैं। उस समय कर्मचारियों की संख्या करीब 240 थी। मशीनों की शिफ्टिंग के साथ डिवीजनवार कर्मचारियों को भी भेजने का सिलसिला जारी है।
---------
1999 में बनी थी टाटा हिताची
30 मार्च 1999 में टाटा मोटर्स से अलग होकर टाटा हिताची (एक्सवेटर डिवीजन) बनी थी। फिर दो फरवरी 2000 में यहां यूनियन का गठन किया गया। उस समय कर्मचारियों की संख्या करीब 850 थी। टाटा का 80 तो हिताची का 20 फीसद शेयर था तथा कंपनी का नाम टेल्कॉन था। 2014 में हिताची का शेयर बढ़ा तथा कंपनी का नाम टेल्कॉन से टाटा हिताची हो गया। ------------
-----
चालू माह के अंत तक सभी कर्मियों को खड़गपुर भेजने की तैयारी है। कंपनी का उत्पादन कार्य बीते डेढ़ माह से बंद है, मशीनों की शिफ्टिंग व अन्य सामग्री हटाने में कुछ और दिन लग सकता है। यूनियन का जो काम लंबित है उस पर काम शुरू है।
सी. माझी, अध्यक्ष टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन
(फोटो)