Move to Jagran APP

Tata Group : टाटा समूह इन राज्यों में लगा रहा सेमीकंडक्टर का प्लांट, हजारों को मिलेगी नौकरी

Tata Group देश ही दुनिया का ऑटोमोबाइल सेक्टर सेमीकंडक्टर की कमी की समस्या से जूझ रही है। हाल ही में टाटा मोटर्स को 4414 करोड़ का घाटा हुआ है।अब टाटा समूह देश में ही चिप बनाने की तैयारी कर रही है...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 06:45 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 09:50 AM (IST)
Tata Group : टाटा समूह इन राज्यों में लगा रहा सेमीकंडक्टर का प्लांट, हजारों को मिलेगी नौकरी
Tata Group : टाटा समूह इन राज्यों में लगा रहा सेमीकंडक्टर का प्लांट

जमशेदपुर : टाटा समूह ने अब देश में ही सेमी कंडक्टर का उत्पादन, एसेंबली और परीक्षण इकाई स्थापित करने की योजना बना रहा है, जिसके लिए तीन राज्यों से टाटा की बात चल रही है। इस काम में टाटा 300 मिलियन डॉलर तक निवेश करने की योजना पर काम कर रहा है।

loksabha election banner

इन राज्यों से चल रही है बात

आपको बता दें कि इसके लिए टाटा की बातचीत कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना से चल रही है और आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (ओएसएटी) संयंत्र के लिए जमीन की तलाश कर रही है। इससे पहले टाटा ने कहा था कि वह सेमी कंडक्टर व्यवसाय में प्रवेश करेगा। लेकिन इस पर कारोबार जगत गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा था।

फाउंड्री जैसा उद्योग होगा सेमी-कंडक्टर

इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए आवश्यक सेमी कंडक्टर अब तक चीन समेत अन्य देशों से आयात किए जा रहे हैं। काफी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन से सेमी कंडक्टर की वैश्विक स्तर पर कमी हो रही है। शायद इसी वजह से टाटा समूह ने यह निर्णय लिया होगा।

बहरहाल, यह एक ओएसएटी संयंत्र फाउंड्री जैसा उद्योग होगा, जिसमें सिलिकॉन वेफर्स को पैकेज, संयोजन और परीक्षण करता है। यह इन्हें सेमी-कंडक्टर चिप्स में बदल देता है। कहा जा रहा है कि टाटा ने कारखाने के लिए कुछ संभावित स्थानों को देख भी लिया है।

दिसंबर तक प्लांट स्थल तय हो जाएगा

बहुत संभव है कि दिसंबर तक प्लांट लगाने के लिए स्थल को अंतिम रूप दे दिया जाए। टाटा सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में पहले से मजबूत है, लेकिन अब यह हार्डवेयर पर भी अपनी पकड़ बनाने को इच्छुक है। इलेक्ट्रिक व्हीकल के उत्पादन में यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम होगा। टाटा समूह और तीन राज्यों ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।

मेक इन इंडिया का प्रयास होगा सार्थक

प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया को बल देने के लिए टाटा का यह प्रयास काफी सार्थक होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए बढ़ावा देने वाला होगा। इसने पहले ही दक्षिण एशियाई देश को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता बनाने में मदद की है।

टाटा समूह भारत के शीर्ष सॉफ्टवेयर सेवा निर्यातक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को नियंत्रित करता है। ऑटो से लेकर विमानन तक हर चीज में रुचि रखता है। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने पहले भी कहा था कि टाटा हाई एंड इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल व्यवसायों में निवेश करने की योजना बना रहा है। अब उनकी बात सही लग रही है।

टाटा के ओएसएटी कारोबार के संभावित ग्राहकों में इंटेल, एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (एएमडी) और एसटीएमइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कंपनियां शामिल हैं।

कम से कम पांच हजार श्रमिकों को मिलेगा प्रत्यक्ष रोजगार

ऐसा कहा जा रहा है कि टाटा के इस उपक्रम के शुरू से कम से कम पांच हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। सही लागत पर कुशल श्रम की उपलब्धता परियोजना की दीर्घकालिक व्यवहार्यता के लिए महत्वपूर्ण थी। जो टाटा को नजदीक से जानते हैं, उन्हें यकीन है कि टाटा एक बार जिस प्रोजेक्ट को शुरू करता है तो उसे पूरा करके ही दम लेता है।

टाटा के कदम रखते ही पूरा माहौल उत्पादन के अनुकूल तैयार हो जाता है। ऐसे में यह बात महत्वपूर्ण होगी कि कौन सा राज्य टाटा के इस उपक्रम को स्थापित करने के लिए सबसे पहले आता है। टाटा पहले से ही तमिलनाडु में एक उच्च तकनीक वाली इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सुविधा का निर्माण कर रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.