टाटा समूह के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा ने इंस्टाग्राम में शेयर की जमशेदपुर के पहले दौरे की तस्वीरें Jamshedpur News
इंस्टाग्राम पर 1962 की तस्वीर को पोस्ट करते हुए रतन टाटा ने लिखा है कि टेल्को के अधिकारी आर डी कोस्टा व जेडी चोकसी के आमंत्रण पर उन्होंने प्लांट का दौरा किया था।
जमशेदपुर (जितेंद्र सिंह)। टाटा समूह के चेयरमैन एमेरिट्स रतन टाटा का जमशेदपुर से बचपन से जुड़ाव रहा है। यह शुरू से ही उनका कर्मस्थली रहा है। यही कारण है कि हर साल तीन मार्च को जमशेदजी नसरवान जी टाटा के जन्मदिन पर आयोजित होने वाले समारोह में वेे लौहनगरी आना नहीं भूलते।
शुक्रवार को रतन टाटा ने इंस्टाग्राम पर टाटा मोटर्स (जिसे पहले टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी या टेल्को के नाम से जाना जाता था) की तस्वीर शेयर की। 1962 की इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा है कि टेल्को के अधिकारी आर डी कोस्टा व जेडी चोकसी के आमंत्रण पर उन्होंने प्लांट का दौरा किया था। रतन टाटा टाटा मोटर्स में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने अपना इंटर्नशिप टाटा मोटर्स में ही किया था। टाटा स्टील में भी रतन टाटा एक कर्मचारी, सुपरवाइजर और पदाधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं। इंटर्नशिप के दौरान वह टेल्को स्थित डीलर्स हॉस्टल के रूम नंबर 11 में रुके थे। इसके बाद उन्होंने टाटा स्टील में भी काम किया। बाद में उन्हें जेआरडी टाटा के बाद टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया था।
कुछ दिन पहले ह्यूमंस ऑफ मुंबई के फेसबुक पेज में जमशेदपुर की यादों को ताजा करते हुए उन्होंने लिखा था कि वह कॉलेज के दौरान छुट्टी पर थे। उन्होंने लिखा, मुझे याद है कि मैंने पहली बार जमशेदपुर का दौरा किया था, जब मैं कॉलेज से छुट्टी पर था। आरजी डि कोस्टा और जेडी चोकसी मुझे टेल्को प्लांट का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था और मैं कर्मचारियों के व्यवहार से काफी खुश था। किसी बात को बेबाकी से रखने वाले रतन टाटा ने एक बार कहा था कि टाटा मोटर्स में इंटर्नशिप के दौरान उन्हें कुछ ज्यादा सीखने को नहीं मिला। मुझे एक विभाग से दूसरे विभाग भेजा जाता था। शायद मैं टाटा परिवार से जुड़ा था, इसलिए ऐसा हो रहा था। बाद में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर भी काम करने का मौका मिला।
न्यूयार्क के कार्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल करने के बाद रतन टाटा इंटर्नशिप के लिए टाटा मोटर्स पहुंचे थे। उन्हें टेल्को स्थित डीलर्स हॉस्टल के कमरा नंबर 11 में रुकने को कहा था। यहां आज भी टाटा मोटर्स के प्रशिक्षु इंजीनियर रुका करते हैं। रतन किसी आम कर्मचारी की तरह ही यहां रुके थे। टाटा मोटर्स के एक अधिकारी ने बताया कि यह कमरा हम सभी के लिए हमेशा से खास रहा है। टाटा मोटर्स ने युवा ग्रेजुएट ट्रेनीज के लिए टेल्को क्षेत्र में अलग-अलग विभागों के तीन हॉस्टल बनाए हैं।
ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनी के लिए जीईटी हॉस्टल, ग्रेजुएट इंजीनियर्स के लिए जीई हॉस्टल और डीलर्स द्वारा भेजे गए अप्रेंटिस के लिए डीलर्स अप्रेंटिस हॉस्टल। उपरोक्त सभी हॉस्टल की स्थापना 1956 में ही किया गया था। तब से लेकर आज तक इस हॉस्टल से हजारों प्रशिक्षु निकलकर विश्व फलक पर अपनी चमक बिखेर रहे हैं। उनमें से अधिकांश दुनिया के हर हिस्से से डिग्री के साथ बेहद योग्य हैं। जब से इन छात्रावासों को बनाया गया है, तब से इन प्रतिभाओं को इस उद्योग के दिग्गजों में ढाला गया है। इन छात्रोवासों में तीन हजार से अधिक प्रशिक्षु रहते हैं।
शायद ही लोगों को पता है कि रतन टाटा शुरू से ही आर्किटेक्चर बनना चाहते थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही लिखा था। 1962 में लॉस एंजेलिस में रतन ने एक आर्किटेक्चर कंपनी में नौकरी भी की थी। लेकिन इस शौक को उन्होंने हमेशा जीवित रखा। बहुत कम लोगों को यह जानकारी नहीं है कि रतन टाटा ने सीएच एरिया (ईस्ट) के रोड नंबर दस स्थित 6 ए बंगला को रतन टाटा ने ही डिजायन किया है।