टाटा कमिंस यूनियन चुनाव की सरगर्मी शुरू, स्टीयरिंग कमेटी की होगी बैठक Jamshedpur News
Tata Cummins Union election.टाटा कमिंस की मान्यता प्राप्त टीसी कर्मचारी यूनियन का चुनाव समय से पूर्व होने की संभावना है। जिसको देखते हुए यूनियन के नेताओं ने शॉप-फ्लोर में तैयारी शुरू कर दी है। यूनियन का कार्यकाल 18 अप्रैल 2021 को समाप्त हो रहा है
जमशेदपुर, जासं। टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन छह माह से भंग है। यहां स्टीयरिंग कमेटी बनाकर काम किया जा रहा है। यूनियन के तत्कालीन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह ने आपसी विवाद को देखते हुए यहां स्टीयरिंग कमेटी बनाई थी। उनके निधन के बाद उनके सुपुत्र कुमार जयंमंगल उर्फ अनूप सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। अब चुनाव कराने की तैयारी है।अप्रैल-2021 में यूनियन चुनाव का तीन साल का कार्यकाल पूरा होगा। इसे लेकर शीघ्र ही स्टीयरिंग कमेटी की बैठक होने वाली है।
18 अप्रैल 2018 को हुआ था यूनियन चुनाव
टाटा कमिंस की मान्यता प्राप्त टीसी कर्मचारी यूनियन का चुनाव समय से पूर्व होने की संभावना है। जिसको देखते हुए यूनियन के नेताओं ने शॉप-फ्लोर में तैयारी शुरू कर दी है। यूनियन का कार्यकाल 18 अप्रैल 2021 को समाप्त हो रहा है लेकिन यूनियन फरवरी 2019 में यूनियन की कमेटी भंग कर पूर्व अध्यक्ष दिवंगत राजेंद्र सिंह ने ग्रेड और बोनस होने तक के लिए स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया था। निवर्तमान यूनियन के महामंत्री अरुण सिंह को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया है। उनका मामला श्रम विभाग में चल रहा है।
दो खेमे में बंटी है यूनियन
यूनियन दो खेमे में बंटी हुई है। दोनों खेमा भी चुनाव जल्द से जल्द कराना चाहता है ताकि नये सिरे से यूनियन पदाधिकारियों व कमेटी मेंबरों का चयन हो सके। टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन का चुनाव तीन साल के लिए 18 अप्रैल-2018 में हुआ था जो अप्रैल 2021 में पूरा होगा। यूनियन नेता समय रहते चुनाव कराने के लिए सक्रिय हो गये हैं।
अनूप सिंह की भूमिका पर टिकी सबकी नजर
स्टीयरिंग कमेटी के कारण पिछला दो साल यूनियन खेमे में बंटी रही। नेताओं का मानना है कि चुनाव जीत कर आने वाले पदाधिकारी या कमेटी मेंबर ही मजदूर हित से जुड़ी बातें गंभीरता से उठा सकते हैं। अब अध्यक्ष ही नये सिरे से चुनाव कराने की घोषणा कर सकते हैं जिस पर सबकी नजरें टिकी हुई है। एक खेमा कंपनी के कर्मचारी को ही यूनियन का अध्यक्ष बनाने की तैयारी में है। हालांकि खुलकर सामने नहीं आये नहीं है। कुछ नेताओं का कहना है कि टाटा मोटर्स की तर्ज पर यहां भी अंदरखाने से तैयारी की संभावना ज्यादा है।