टाटा कमिंस प्रबंधन ने यूनियन नेताओं को प्लांट से निकाला बाहर Jamshedpur News
टाटा कमिंस प्रबंधन ने व्यक्तिगत रूप से प्लांट में डेरा जमाए कमेटी मेंबरों को पहले एडवाइजरी पत्र थमाया था फिर रविवार को चौथे दिन बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
जमशेदपुर, जासं। टाटा कमिंस के बर्खास्त कर्मी व यूनियन के पूर्व महामंत्री अरुण कुमार सिंह की बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ शनिवार को तीसरे दिन प्रबंधन ने व्यक्तिगत रूप से प्लांट में डेरा जमाए कमेटी मेंबरों को पहले एडवाइजरी पत्र थमाया था फिर रविवार को चौथे दिन सुबह आठ बजे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हालांकि, नेताओं का कहना था कि वे सुबह नित्य क्रिया व नाश्ता को लेकर बाहर गए थे, लेकिन जब कंपनी गेट पर पहुंचे तो उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने अंदर नहीं जाने दिया। कहा कि फिलहाल कंपनी बंद है। सोमवार से बुधवार तक क्लोजर है ऐसे में इस दौरान किसी को अंदर नहीं जाने देने का आदेश है। फिर यूनियन नेता बैरंग अपने-अपने घर लौट गए।
उधर, शनिवार को मिले एडवाइजरी पत्र में प्रबंधन ने दो टूक कहा है कि 48 घंटे से अधिक प्लांट में रहना नियमानुकूल नहीं है। इसलिए वे प्लांट से बाहर निकलें अन्यथा उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद तीन यूनियन के सदस्य एहसान अहमद सिराजी, अविनाश अनुपम तथा सुरेंद्र कुमार ने एडवाइजरी पत्र नहीं लिया और आंदोलन से पीछे हटते हुए प्लांट से बाहर चले गये थे। जबकि एडवाइजरी पत्र लेकर रामाकांत करुआ, दीपतेन्दु चक्रवर्ती, प्रत्यूष विश्वास, आई रामा राजू, श्रीनिवास, रतन प्रमाणिक, प्रकाश महतो, हरेश सुनानी, चंद्रभूषण पांडेय तथा धीरज सिंह प्लांट में डटे थे, जिनके रविवार को कंपनी में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
एमडी से होगी यूनियन नेताओं की वार्ता
अरुण सिंह की बर्खास्तगी मामले में रविवार को शाम तक कंपनी के एमडी से यूनियन नेताओं की वार्ता होगी। इसे लेकर एमडी की ओर से यूनियन नेताओं को आश्वासन मिला है। एक दिन पूर्व यूनियन अध्यक्ष अनूप सिंह ने एमडी को पत्र लिखकर अरुण सिंह की बर्खास्तगी मामले में विचार करने का आग्रह किया है। इधर खबर है कि एमडी की वार्ता में अरुण सिंह की बर्खास्तगी पर साकारात्मक विचार नहीं हुआ था। सोमवार से कंपनी गेट पर धरना-प्रदर्शन होगा।
सिर मुड़ाते ही पड़े ओले...
अनूप सिंह का यूनियन अध्यक्ष बनते ही उनकी परीक्षा की घड़ी आ गई। सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने वाली कहावत उन्हीं पर सटीक जमती है। अरुण सिंह की बर्खास्तगी वापस होना अध्यक्ष की प्रतिष्ठा बन गई है। कारण कि अनूप सिंह ने स्पष्ट कहा कि उन्हें कुर्सी की चिंता नहीं है, अरुण पर कार्रवाई गलत है। उन्होंने कमेटी मेंबरों से कह दिया है जो आंदोलन में साथ रहना चाहते हैं वे रहें। किसी पर कोई दवाब नहीं है जो घर जाना चाहते हैं जा सकते हैं। वे अकेले भी रह जाएंगे तो भी बर्खास्त नेता अरुण सिंह के साथ गेट पर बैठेंगे।