टाटा ब्लूस्कोप में पहली बार होगा फार्मूला आधारित बोनस, ये रही पूरी जानकारी
टाटा ब्लूस्काेप में बगैर फार्मूला सात साल से बोनस होता आ रहा है। लेकिन इस बार यूनियन फार्मूला बनाने पर अड़ी हुई है। प्रबंधन के साथ यूनियन की तीन-चार दौर की वार्ता हुई है उसमें फार्मूला के बाद ही समझौते की बात कही गई है।
जासं, जमशेदपुर। टाटा ब्लूस्काॅप में बगैर फार्मूला सात साल से बोनस होता आ रहा है। लेकिन इस बार यूनियन फार्मूला बनाने पर अड़ी हुई है। उसका कहना है कि जब तक फार्मूला नहीं बनेगा, बोनस पर बातचीत शुरू नहीं होगी। प्रबंधन के साथ यूनियन की तीन-चार दौर की वार्ता हुई है उसमें फार्मूला के बाद ही समझौते की बात कही गई है। यूनियन ने टाटा समूह की अन्य कंपनियों की तर्ज पर यहां भी फार्मूला बनाने का प्रस्ताव दिया है, इस पर इसी सप्ताह बातचीत होगी।
फार्मूला में उत्पादन, उत्पादकता, लाभ, गुणवत्ता, सुरक्षा आदि मापदंड शामिल करने का सुझाव है। इससे पूर्व जो भी बोनस हुआ है उसमें कंपनी का लाभ व उत्पादन का आकलन करते हुए एकमुश्त राशि दी गई है। लेकिन जो फार्मूला बनाया जा रहा है उसमें लाभ को शामिल नहीं किया जा रहा है। इसी वजह से यूनियन तैयार नहीं है। प्रबंधन ने फार्मूले में लाभ को शामिल किए बगैर बोनस देने का प्रस्ताव दिया है, जिसे यूनियन ने नकार दिया है। अगर प्रबंधन के मुताबिक फार्मूला बना तो उसमें बीते साल से कम बोनस मिलेगा। इस बार कंपनी को बीते साल की अपेक्षा ज्यादा मुनाफा हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों को अधिक बोनस मिलने की आस जगी हुई है।
2019-20 में बोनस मद में मिला था 35 लाख
वित्तीय वर्ष 2019-20 में बोनस मद में 35 लाख मिला था। इसमें कर्मचारियों को अधिकतम 46 हजार मिला था। वहीं साल 2018-19 में कंपनी ने कर्मचारियों के बोनस मद में कुल 33 लाख दिए थे। उसके मुताबिक कर्मचारियों को न्यूनतम 19,900 व अधिकतम 46,700 रुपए मिले थे। वहीं उससे पूर्व 2017-18 में अधिकतम 42 हजार बोनस मिला है। पिछले पांच साल में बोनस मद में मिली राशि इस प्रकार है।
वित्तीय सत्र----- कुल बोनस राशि--- एक कर्मी का बाेनस राशि (फीसद में )
- 2019-20 -------- 35 लाख-------- 13.57 फीसद
- 2018-19 ------- 33 लाख ------- 15.1 फीसद
- 2017-18---------27.93 लाख-------18.76 फीसद
- 2016-17--------- 25 लाख --------- 16.5 फीसद
- 2015-16 ............ 24लाख ............ 16.5 फीसद
कंपनी का इतिहास
टाटा स्टील की सहायक कंपनी टाटा ब्लूस्कोप की नींव 2005 में पड़ी थी। कंपनी का स्थापना काल जनवरी 2011 माना जाता है। वहीं कंपनी का पूरा उत्पादन कार्य 2012 के अंतिम में शुरू हुआ है। यह कंपनी कलर कोटेट उत्पाद बनाती है। यहां मुख्यत: स्टील, क्वायल व सीट पर कलर चढ़ाया जाता है। इसका कलर ब्रांड ड्यूरासाइन टाटा स्टील लेती है वहीं दूसरा उत्पाद टाटा स्टील नीला ब्रांड होता है, जिसका कंपनी स्वयं मार्केटिंग करती है।