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श्वेताभ सुमन के घर पहुंची सीबीआइ

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आयकर आयुक्त डॉ. श्वेताभ सुमन के बिष्टुपुर स्थित बंगला में सोमवार को सी

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 09:00 AM (IST)
श्वेताभ सुमन के घर पहुंची सीबीआइ
श्वेताभ सुमन के घर पहुंची सीबीआइ

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

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आयकर आयुक्त डॉ. श्वेताभ सुमन के बिष्टुपुर स्थित बंगला में सोमवार को सीबीआइ की टीम पहुंची, जहां अधिकारी शाम से देर रात तक कागजात-सुबूत खंगालते रहे। नार्दर्न टाउन के बी. रोड स्थित 16 नंबर बंगला के अंदर और बाहर जिला पुलिस के जबान तैनात किए गए हैं, जो किसी को आने-जाने नहीं दे रहे थे। सीबीआइ के अधिकारी किसी से बात भी नहीं कर रहे हैं। यह बंगला करीब 24 दिन से बंद था। रिश्वत लेने के आरोप में सुमन को सीबीआइ ने 13 अप्रैल को दिल्ली में गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही उसी दिन उनके इस बंगले को सीबीआइ के आदेश पर बिष्टुपुर थाना की पुलिस ने सील कर दिया था। बंगले के आउटहाउस में रहने वाले कर्मचारियों ने बताया था कि इसके कई दिन पहले ही श्वेताभ सुमन और उनका परिवार दिल्ली चला गया था। बंगले के उन सभी कमरों को लाल कपड़े से लपेट दिया गया था। इन्हें पुलिस ने बताया था कि अब इसे सीबीआइ की टीम ही खोलेगी। सीबीआइ को संदेह है कि वित्तीय अनियमितता या रिश्वत मामले से जुड़े कागजात-सुबूत यहां मिल सकते हैं। ज्ञात हो कि सीबीआइ ने नई दिल्ली में गुवाहाटी के एक व्यापारी से 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने जोरहाट (असम) के व्यवसायी सुरेश अग्रवाला के आरोप पर सुमन को गिरफ्तार किया था। सुमन गुवाहाटी में आयकर आयुक्त (ऑडिट) के पद पर पदस्थापित थे। इस मामले में सीबीआइ ने उनके अलावा गुवाहाटी में पदस्थापित इनकम टैक्स आफिस (ऑडिट) प्रताप दास, एडवोकेट व चार्टर्ड एकाउंटेंट रमेश गोयनका व अमित गोयनका को भी गिरफ्तार किया था। मामला सुरेश अग्रवाला की फर्म विन पावर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, लिहाजा प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही सीबीआइ गुवाहाटी, जोरहाट, नयगांव, शिलांग, नोयडा, दिल्ली समेत फर्म से संबंधित अन्य ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी थी। इसमें 40 लाख रुपये नकद सहित महत्वपूर्ण कागजात भी जब्त किए गए थे। सीबीआई के मुताबिक आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन वित्तीय वर्ष 2017-18 से संबंधित वित्तीय लेन-देन में मिली अनियमितता को व्यवसायी के पक्ष में करने के एवज में रिश्वत ले रहे थे। इससे पहले श्वेताभ सुमन वर्ष 2005 में भी सीबीआइ के हत्थे चढ़ चुके हैं। उस समय उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था।


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