गांव एवं छात्रों के सर्वांगीण विकास में जुटा यह शिक्षक
अपने कार्यक्षेत्र में वे निश्चित रूप से अपनी सकारात्मकता और उद्यमिता के लिए विशेष पहचान बना चुके हैं।
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर : हम एक ऐसे शिक्षक की बात कर रहे हैं, जो झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड के पिछड़े इलाकों में रहने वाले सबर बच्चों, गरीब ग्रामीणों, आदिवासियों और वनवासियों के बीच घूमते और शिक्षा की लौ जगाते हुए दिखते हैं। इसके अलावा सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाते हैं। वे अपने वेतन का कम से कम 15 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करते हैं। ऐसे होनहार छात्र जो कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ाई करने से वंचित हो जाते हैं, उनका सहयोग वे किसी न किसी रूप में करते हैं। यह शिक्षक स्वतंत्रता के सारथी के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस शिक्षक का नाम है अरविद तिवारी। इन्हें इस इलाके के सबसे प्रयोगधर्मी और उद्यमी शिक्षकों में शुमार किया जाता है। ये एक ऐसे शिक्षक हैं, जो न केवल अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं, बल्कि जो कठिन से कठिन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भी बिल्कुल सरल तरीके अपनाते हैं और उनकी पद्धतियां और कार्यविधियां धरातल पर चामत्कारिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं, और कुछ आश्चर्यजनक नतीजे भी देती हैं। इस इलाके से बाहर अबतक उनके योगदान और उपलब्धियों के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते। अबतक उन्हें वह प्रसिद्धि नहीं मिल सकी है, जो शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें मिलनी चाहिए थी, लेकिन अपने कार्यक्षेत्र में वे निश्चित रूप से अपनी सकारात्मकता और उद्यमिता के लिए विशेष पहचान बना चुके हैं।
कल्पना कीजिए कि जमशेदपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर पोटका के जंगलों के बीच झारखंड राज्य सरकार द्वारा संचालित एक मिडिल स्कूल में एक कंप्यूटर लैब, तीरंदाजी कोचिग की सुविधा, तैराकी कोचिग की सुविधा, भाषा प्रयोगशाला और बागवानी की कक्षाएं भी उपलब्ध हैं। अरविद तिवारी टांगराइन मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। इस स्कूल का कायाकल्प करने वाले इस शिक्षक के कारण ग्रामीणों ने इसे एक उच्च विद्यालय में परिणत करने की ठानी है। पिछले दिनों ग्रामीणों ने आपसी योगदान से आर्थिक सहायता जुटाकर विद्यालय को 12 कट्टा जमीं दान किया, ताकि विद्यालय में चारदीवारी, मैदान एवम सम्बंधित निर्माण कार्य किये जा सके, इसे विद्यालय के प्रति बढ़ते भरोसे का एक पुख्ता उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है। निजी स्कूल तारापोर स्कूल एग्रिको की मदद से यहां कंप्यूटर लैब की स्थापना की गई। यह पहला मिडिल स्कूल हैं जहां कंप्यूटर लैब स्थापित है। इस विद्यालय की सुरक्षा भी छात्रों के हाथों में है। -------------------
अरविद तिवारी की पहल एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांगराईन की उपलब्धियां
1 पहला सरकारी विद्यालय जिसकी अपनी वेबसाइट है - डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटटंगराइनडॉटइन
2. पोटका प्रखंड का एकमात्र सरकारी विद्यालय, जहां स्काउटस एंड गाइड की यूनिट है।
3. पहला सरकारी विद्यालय जहां तीरंदाजी एवं तैराकी का कोच की देखरेख में प्रशिक्षण होता है।
4. पहला सरकारी विद्यालय जिसमें प्रधानाध्यापक के निजी प्रयास से विद्यालय में भाषा प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है ,जहां नियमित रुप से भूमिज ,संथाली एवं बांग्ला की पढ़ाई होती है
5. बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहो पहाड़ा व पहाड़ा रैली का आयोजन किया । इसके लिए बच्चों को मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाया। बच्चों को पहली बार रेल यात्रा कराई।
6. स्कूल में माहवारी स्वच्छता के लिए छात्राओं के लिए पैंड बैंक बनाया। जागरूकता के लिए मल्टीप्लेक्स में फिल्म पैडमैन दिखाई।
7. सृजन क्षमता के विकास के लिए सुनो कहानी कार्यक्रम शुरू किया गया।
8. तीन दिवसीय कहानी मेला का आयोजन किया, जिसमें शहर के प्रसि़द्ध साहित्यकारों ने शिरकत की ।
9. दीवार पत्रिका का किया प्रकाशन।
10. बच्चों के लिए प्रत्येक माह 15 से अधिक बाल पत्रिकाएं बच्चों को उपलब्ध कराई जाती हैं।
11. बच्चों में शारीरिक क्षमता के विकास तथा पुलिस व सेना की नौकरी के प्रति जागरूकता के लिए मिशन आर्मी शुरू की।
12. बच्चों में पोषण के प्रति जागरूकता एवं खेती के प्रति रुचि जगाने के लिए पोषण मेला का आयोजन किया।
13. 40 न्यूट्रीशन हीरो के माध्यम से बच्चों को अपने-अपने घरों में पोषण वाटिका बनाने के लिए प्रेरित किया।
14. वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए विज्ञान मेला का आयोजन किया।
15. बच्चों में पढ़ने की क्षमता के विकास के लिए सुब्रतो मुखर्जी रीडिग कार्नर एवं रीडिग टूगेदर एलाउड कार्यक्रम शुरू किया।
16. व्यक्तित्व विकास के लिए नाट्य प्रशिक्षण शिविर लगाया।
17. रंग रोगन व आकर्षक चित्रों के माध्यम से विद्यालय को आकर्षक बनाया।
18. पौधारोपण कार्यक्रम चलाया।
19. निजी खर्च से बांस एवं झाड़ियों से विद्यालय की घेराबंदी की।
20. ग्रामीणों को प्रेरित कर चंदा के जरिए 11 कट्ठा जमीन विद्यालय के लिए खरीदी।
21. विद्यालय में बच्चों के बीच व्यक्तिगत स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सोप बैंक बनाया।
22. मतदान के जरिए बाल संसद का चुनाव कराया।
23. विद्यालय के पुराने एवं बेकार चापाकल में रेन वाटर हार्वेस्टिग यूनिट लगायी।
24. पतंजलि एवं युवा भारत के सहयोग से योग शिक्षा की शुरुआत की।
25. स्पोकन इंग्लिश की कक्षा शुरू की।
26. स्वच्छता के क्षेत्र में विद्यालय को ए ग्रेड मिला और विद्यालय को वर्ष 2018 एवं 2019 में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार मिला ।
27. प्रखंड स्तरीय सुब्रतो कप फुटबॉल में उच्च मध्य विद्यालय टांगराईन ने सेमी फाइनल में अपना स्थान बनाया।
28. बच्चों को प्रतिदिन दो पन्ना अंग्रेजी व हिदी लिखने के लिए प्रेरित किया और उन्हें निश्शुल्क कॉपी उपलब्ध कराते हैं
29. विद्यालय में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट एवं मशरूम प्रशिक्षण शुरू की।