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स्वदेशी जागरण मंच ने उठाई कोरोना वैक्सीन पेटेंट मुक्त करने की मांग, भारत के प्रस्ताव का छह देश कर चुके समर्थन

स्वदेशी जागरण मंच ने कोरोना की सभी वैक्सीन को पेटेंट मुक्त करने की मांग उठाई है ताकि यह टीका भारत समेत पूरी दुनिया के सभी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सके। ऐसा होने से काफी संख्या में वैक्सीन का उत्पादन हो सकेगा। खुले बाजार में भी इसकी कीमत गिरेगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 05:38 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 06:49 PM (IST)
स्वदेशी जागरण मंच ने उठाई कोरोना वैक्सीन पेटेंट मुक्त करने की मांग, भारत के प्रस्ताव का छह देश कर चुके समर्थन
स्वदेशी जागरण मंच डिजिटल हस्ताक्षर अभियान चला रहा है।

जमशेदपुर, जासं। स्वदेशी जागरण मंच ने कोरोना की सभी वैक्सीन को पेटेंट मुक्त करने की मांग उठाई है, ताकि यह टीका भारत समेत पूरी दुनिया के सभी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सके। जमशेदपुर से मंच के अखिल भारतीय सहसंघर्ष वाहिनी प्रमुख बंदेशंकर सिंह ने कहा कि ऐसा होने से ही ना केवल काफी संख्या में वैक्सीन का उत्पादन हो सकेगा, बल्कि खुले बाजार में भी इसकी कीमत गिरेगी।

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जमशेदपुर में मंगलवार को आयोजित वेबिनार में बंदेशंकर सिंह ने कहा कि विश्व की अधिकांश जनसंख्या आज कोरोना के संक्रमण के भय से त्रस्त है। इस संक्रमण की चिकित्सा व रोकथाम की औषधियों व टीकों पर बड़ी कंपनियों के पेटेंट के कारण ये सबको सुलभ नहीं हैं। मानव जीवन का अधिकार, सार्वभौम मौलिक अधिकार है। कुछ कंपनियों को पेटेंट से मुनाफा कमाने के लिए असीमित अधिकार देकर करोड़ों लोगों के जीवन के अधिकार पर आंच आए, एेसा नहीं होने दिया जा सकता। इन टीकों और दवाओं को सस्ता व सर्वसुलभ कराने के लिए भारत के लोगों द्वारा इन टीकों व दवाओं को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी के हस्तांतरण के लिए एक सघन अभियान चलाया जा रहा है। यद्यपि कोविड के इलाज से संबंधित कई दवाओं का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अत्यधिक अपर्याप्त है।

इजरायल समेत छह देशों मेंं सबको लग गया टीका

सिंह ने बताया कि इजरायल, अमेरिका, इंग्लैंड सहित छह देशों में वयस्कों का टीकाकरण हो गया है। वहां कोरोना संकट लगभग समाप्त हो गया है। इसलिए भारत सहित विश्व की समग्र वयस्क जनसंख्या (लगभग 600 करोड़) का तत्काल टीकाकरण आवश्यक है। इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड के टीकों व औषधियों को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नालॉजी व इनके उत्पादन में सक्षम सभी दवा उत्पादकों को सुलभ कराने की मांग करते हुए सघन जन जागरण अभियान छेड़ा है। इसके अंतर्गत देश भर में व देश के बाहर भी टीकों व औषधियों की सर्व सुलभता हेतु "यूनिवर्सल एक्सेस टू वैक्सीन्स एंड मेडिसिन्स" अर्थात "युवम" (UAVM) के नाम से यह अभियान चल रहा है। इसमें आनलाइन हस्ताक्षर अभियान सहित वेबिनार, गोष्ठियों, प्रदर्शन, संपर्क प्रचार की प्रक्रिया चल रही है।

भारत में 200 करोड़ खुराक की आवश्यकता

भारत में भी कम से कम 70 प्रतिशत जनसंख्या के टीकाकरण के लिए लगभग 200 करोड़ खुराक की आवश्यकता है। इस बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए इनकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा और इनके पेटेंट और व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय करने होंगे। ‘वैश्विक सर्वसुलभ वैक्सीन एवं दवाइयां अभियान’ के अंतर्गत देश और विदेश के विविध सामाजिक, संस्कृतिक व सभी प्रकार के संगठनों, शिक्षण संस्थानों, प्रबुद्धजनों, शिक्षाविदों, न्यायाधीशों और सभी व्यक्तियों से सहयोग लिया जा रहा है। 28 मई 2021 को इस संबंध में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भी कुछ विश्वविद्यालयों भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा आयोजन किया गया था।

भारत के प्रस्ताव का 120 देशों ने किया समर्थन

भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के साथ गत अक्टूबर में ही इन्हें पेटेंट मुक्त करने का विश्व व्यापार संगठन में जो ट्रिप्स समझौते से छूट का प्रस्ताव रखा, उसका 120 देशों ने अब तक समर्थन कर दिया है। इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे देशों, कंपनियों व व्यक्ति समूहों से हम आग्रह करते हैं कि मानवता के हित में वे अविलंब इसका विरोध बंद करें। UVAM, विश्व व्यापार संगठन, सहित विश्व की सभी सरकारों से दृढ़तापूर्वक आग्रह करता है कि टीकों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सभी संभावित निर्माताओं के लिए व्यापार रहस्य सहित टीकों के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण,कच्चे माल की उपलब्धता, व्यापार सहित सभी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। रेमडेसिविर, फेविरेसिर, टोसीलुजुमाब और अन्य आवश्यक दवाओं के उत्पादन और मोलनुपीरविर जैसी नई दवाओं का प्रचुरता से उत्पादन सुनिश्चित किया जाए। वैश्विक स्तर पर वैक्सीन और दवा के पर्याप्त उत्पादन के साथ-साथ इनके मूल्यों पर प्रभावी नियंत्रण भी आवश्यक है। इसके लिए डब्ल्यूटीओ, जी-7, जी-20 और अन्य वैश्विक मंचों के माध्यम से राजनयिक प्रयासों में तेजी लाई जाए।

जमशेदपुर में अब तक 24,000 ने कर दिया हस्ताक्षर

स्वदेशी जागरण मंच इसके लिए डिजिटल हस्ताक्षर अभियान चला रहा है, जिसमें अब तक लगभग 5.50 लाख लोग इस याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। इसमें जमशेदपुर विभाग से अब तक 24,000 लोगों ने हस्ताक्षर किया है। एेसी ही एक दूसरी याचिका पर भी भारत और विश्व के 20 देशों के 1600 से अधिक अति उच्च शिक्षाविदों व प्रबुद्ध नागरिकों ने हस्ताक्षर करते हुए मांग की है कि विश्व व्यापार संगठन, बौद्धिक संपदा अधिकार के प्रावधानों में छूट दे। वैश्विक दवा निर्माता और वैक्सीन निर्माता कपनियां स्वेच्छा से, मानवता के लिए अन्य निर्माताओं को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित पेटेंट मुक्त अधिकार दें। सरकार पेटेंट धारकों से इतर भी अन्य सभी दवा निर्माताओं को वैक्सीन व दवा बनाने का अधिकार, आवश्यक प्रौद्योगिकी व उत्पादन सामग्री की उपलब्धता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए। उन्हें प्रोत्साहन दे। कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए वैक्सीन और दवा की वैश्विक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी देशभक्त जनता, संबंधित व्यक्ति और संगठन बढ़-चढ़कर आगे आएं। इस लिंक पर जाकर अपना समर्थन दें : https://joinswadeshi.com/form2/


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