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एसबीएम स्कूल रांची के छात्रों ने किया एनएमएल का शैक्षिक भ्रमण Jamshedpur News

जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत एनएमएल के वैज्ञानिकों व रिसर्च स्कॉलर्स ने इन बच्चों को वैज्ञानिक अवधारणाओं के बारे में बताया और इस विषय की उपयोगिता बताते हुए उन्हें प्रेरित किया।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 10:41 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 10:41 PM (IST)
एसबीएम स्कूल रांची के छात्रों ने किया एनएमएल का शैक्षिक भ्रमण Jamshedpur News
एसबीएम स्कूल रांची के छात्रों ने किया एनएमएल का शैक्षिक भ्रमण Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। रांची स्थित एसबीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल के आठवीं व नौवीं कक्षा के 13 छात्रों के दल ने शुक्रवार को जमशेदपुर के राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला का भ्रमण किया। छात्रों के दल के साथ शिक्षक डॉ. सुकुमार संधू भी थे।

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पहली बार आए इस स्कूल के छात्रों को जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत एनएमएल के वैज्ञानिकों व रिसर्च स्कॉलर्स ने वैज्ञानिक अवधारणाओं के बारे में बताया और इस विषय की उपयोगिता बताते हुए उन्हें प्रेरित किया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पीएन मिश्रा ने दल का स्वागत करते हुए विज्ञान-तकनीक के अलावा प्राकृतिक संसाधनों के विकास में सीएसआइआर एनएमएल के योगदान के बारे में जानकारी दी। 

मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एसके मंडल ने दैनिक जीवन में विज्ञान की उपयोगिता के बारे में बताया। वरीय तकनीकी अधिकारी डॉ. एके साहू ने पहले सत्र में धन्यवाद ज्ञापन किया। लगभग पांच घंटे तक चले इस कार्यक्रम के दूसरे सत्र में छात्रों को विभिन्न प्रयोगशालाओं का भ्रमण कराया गया।

वरीय तकनीकी अधिकारी एसएन हेंब्रम ने छात्रों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े मैटीरियल टेस्टिंग एंड इवैल्यूएशन, एनालिटिकल एंड अप्लाइड केमिस्ट्री, मेटल एक्सट्रैक्शन एंड रिसाइक्लिंग विभागों के अलावा म्युजियम का भी भ्रमण कराया। दल में शामिल आठवीं के छात्र स्नेह कुमार सिंह ने कहा कि उसे इस प्रयोगशाला के भ्रमण से खनिज, ओर्स जैसे प्राकृतिक संसाधनों के अलावा विभिन्न प्रकार के धातुओं से जुड़ी नई जानकारियां मिलीं।

आठवीं के ही निखिल कुमार सिंह ने वैज्ञानिकों के समझाने के अंदाज की तारीफ करते हुए कहा कि काफी उपयोगी जानकारियां प्राप्त करने का यह अच्छा अवसर मिला। नौवीं के मंदीप कुमार ने कहा कि यहां केमिकल लेबोरेटरी की सफाई से वह काफी प्रभावित हुआ। इसी तरह नितिन गुप्ता, चंद्रकांत पांडेय, कमल गोयल, अनुराग कुमार का कहना कि यहां की इ वेस्ट यूनिट देखकर पता चला कि किस तरह इलेक्ट्रॉनिक कचरा हमारे देश की समस्या बनता जा रहा है और किस तरह पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए बेकार उपकरणों से उपयोगी उत्पाद व धातु प्राप्त किए जा सकते हैं। समापन पर सभी बच्चों ने यहां दोबारा आने की इच्छा व्यक्त की। 


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