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बड़े-बड़े दिग्गजों को शिकस्त दे चुकी हैं मेनका, जानिए उत्कृष्ट विधायक की कहानी

पोटका की विधायक मेनका सरदार झारखंड की उत्कृष्ट विधायक चुनी गई हैं। उनका राजनीतिक करियर बड़ा ही रोचक है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 02:33 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 02:33 PM (IST)
बड़े-बड़े दिग्गजों को शिकस्त दे चुकी हैं मेनका, जानिए उत्कृष्ट विधायक की कहानी
बड़े-बड़े दिग्गजों को शिकस्त दे चुकी हैं मेनका, जानिए उत्कृष्ट विधायक की कहानी

पोटका (पूर्वी सिंहभूम), जेएनएन। झारखंड के पोटका की विधायक मेनका सरदार झारखंड की उत्कृष्ट विधायक चुनी गई हैं। उनका राजनीतिक करियर बड़ा ही रोचक है। उन्होंने राजनीति के रण में कई दिग्गजों को मात दी है। जानिए, मेनका का राजनीतिक और पारिवारिक सफरनामा।

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पोटका की विधायक मेनका सरदार वर्ष 1998 में पहली बार चुनाव लड़ी और अविभाजित बिहार में छोटानागपुर से भाजपा की पहली महिला विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद तीन बार पोटका विधानसभा का नेतृत्व किया। उस चुनाव में उन्होंने प्रतिद्वंद्वी कृष्णा मार्डी व सूर्य सिंह बेसरा को हराया था। इसके बाद 2010 के चुनाव में उन्हें झामुमो के अमूल्यो सरदार से हार का सामना भी करना पड़ा। विधायक मेनका सरदार की शादी 1986 में जोजोबेड़ा (जमशेदपुर) निवासी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे विभीषण सरदार से हुई। विभीषण सरदार टाटा मोटर्स में कार्यरत थे। वह अब सेवानिवृत्त होकर राजनीति में विधायक मेनका सरदार के साथ हाथ बंटा रहे हैं। 

पति ने जोड़ा राजनीति से

मेनका सरदार के पति विभीषण सरदार

विधायक मेनका सरदार को उनके पति विभीषण सरदार ने 1996 में भाजपा से जोड़ा था। इसके बाद मेनका भाजपा के भीष्म पितामह कहे जाने वाले कैलाशपति मिश्र के आशीर्वाद से आगे बढ़ती रहीं। वह पहली बार 1995 में निर्दलीय चुनाव लड़ी थी। इससे उनका राजनीति में आने का हौसला बढ़ा।

उत्कृष्ट विधायक चुने जाने की जानकारी नहीं जागरण से मिली

 एक ओर सोमवार शाम तक पूरे राज्य में मेनका सरदार को उत्कृष्ट विधायक चुने जाने की खबर फैल गई थी, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि उन्हें यह जानकारी सबसे पहले दैनिक जागरण से ही मिली। उन्होंने बताया कि यह सम्मान बीते वर्ष ही मिलना था, लेकिन विपक्ष के नेता कुणाल षाड़ंगी को मिला। पुरस्कार पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए मेनका ने कहा कि वे विधानसभा के सभी कार्यो में सक्रिय भागीदारी निभाती आ रही हैं।

तीन बहन व एक भाई

मेनका सरदार के परिजन

पोटका विधायक मेनका सरदार का मायका पोटका प्रखंड के ही जुड़ी गांव में है। तीन बहन व एक भाई समेत उनका भरा-पूरा परिवार है। पांच जनवरी 1967 में जन्मीं मेनका सरदार की प्रारंभिक शिक्षा गिरि भारती स्कूल हल्दीपोखर में हुई। इंटर की पढ़ाई छोटानागपुर कालेज राजनगर से की, जबकि बीए आनर्स की डिग्री एलबीएसएम कालेज करनडीह (जमशेदपुर) से हासिल की।

एक पुत्र व एक पुत्री

मेनका सरदार एक पुत्र व एक पुत्री की मां हैं। पुत्री मंजूलता मुंडा का ससुराल रायरंगपुर में है। वहीं पुत्र आशीष सिंह भूमिज रांची में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

मेनका के गुरु हैं रघुनंदन बनर्जी

मेनका सरदार का मायका स्थित आवास। यही रहती हैं

विधायक मेनका सरदार के बचपन में रघुनंदन बनर्जी शिक्षक रहे। वह शुरू से ही शांत स्वभाव की थीं, लेकिन पढ़ाई में अच्छी थीं। विद्यालय के लगभग हर कार्यक्रम में भाग लेती थीं।

राजनीति में आने से पूर्व एनजीओ से जुड़ीं थीं

मेनका सरदार राजनीति में आने के पहले एक स्वयंसेवी संस्था अल्टरनेटिव फॉर इंडिया डेवलपमेंट से जुड़ी थीं। वह करीब दस वर्ष तक गांव-गांव में घूमकर संस्था के माध्यम से समाजसेवा करती रहीं।

विधायक कुणाल ने जताई खुशी

रानी लक्ष्मी बाई और इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर महिला विधायक को बेहतरीन विधायक के रूप में चुना जाना खुशी की बात है। विधायक मेनका सरदार जनता के लिए बेहतरीन काम करें और आगे बढ़े यही कामना है।

-कुणाल षाड़ंगी, विधायक, बहरागोड़ा

उत्कृष्ट आचरण ने बनाया सर्वश्रेष्ठ

मेनका सरदार सदन की मर्यादा को बरकरार रखते हुए जन समस्याओं और अन्य बातों को रखती हैं। उनके उत्कृष्ट आचरण ने ही उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक बनाया है। अन्य जनप्रतिनिधियों को उनसे सदन की गरिमा बनाए रखने की सीख लेनी चाहिए।

-लक्ष्मण टुडू, विधायक, घाटशिला

मेनका में है योग्यता

अपने आवास पर समर्थकों के साथ मेनका सरदार

विधायक मेनका सरदार मंत्री बनने की योग्यता रखती हैं। सरकार अगर सही में उन्हें बेहतरीन विधायक मानती है और सम्मानित करना चाहती है, तो उन्हें मंत्री बनाए। वैसे भी राज्य में मंत्री का एक स्थान रिक्त है।

-रामदास सोरेन, पूर्व विधायक

सरल छवि की सर्वसुलभ जनप्रतिनिधि

विधायक मेनका सरदार की कर्तव्यनिष्ठता एवं सेवा भावना के कारण ही उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया है। राज्य के जनप्रतिनिधियों के लिए यह अप्रतिम उदाहरण है। वे सरल छवि की सर्वसुलभ जनप्रतिनिधि हैं।

-दिनेश कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष

मेहनत से पाया मुकाम

मेनका सरदार ने मेहनत और संघर्ष की बदौलत अपना मुकाम हासिल किया है। वह हमेशा जनता से जुड़ी रही और सदन में जनसमस्याओं को बेहतरीन तरीके से रखा। उन्हें उत्कृष्ट विधायक चुना जाना खुशी की बात है।

-विद्युत वरण महतो, सांसद


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