स्टील व्हील्स में स्थायीकरण को लेकर गरमाया माहौल
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मध्यम व भारी वाहनों के लिए व्हील बनाने वाली गोविंदपुर स्थित स्टील
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मध्यम व भारी वाहनों के लिए व्हील बनाने वाली गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी में कभी भी बवाल हो सकता है। इसकी पृष्ठभूमि तैयार होने लगी है। ठेका मजदूरों का स्थायीकरण नहीं होने से कर्मचारियों में असंतोष है। समय रहते वहां के कर्मचारियों के हक में सकारात्मक पहल नहीं हुआ तो कभी भी बवाल हो सकता है।
कर्मचारियों ने कंपनी परिसर स्थित यूनियन कार्यालय पहुंच अपना गुस्सा निकाल यूनियन नेताओं पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। साथ ही प्रबंधन के कार्यो पर भी अंगुली उठाने लगे हैं। हालांकि यूनियन नेता पूर्व में हुए समझौते के तहत स्थायीकरण सूची प्रकाशित करने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन प्रबंधन के आगे उनकी भी नहीं चल रही है। ऐसे में कर्मचारियों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है।
जुलाई में हुआ था स्थायीकरण समझौता : गत जुलाई को 60 ठेका मजदूरों को स्थायी करने पर सहमति बनी थी। जिसके अनुसार कर्मचारियों के बोनस समझौते के साथ वेतन बढ़ोतरी व एक माह के अंदर स्थायीकरण सूची जारी करनी थी। फिर 15 दिनों के अंदर स्थायीकरण की परीक्षा ली गई जिसमें 930 ठेका मजदूर शामिल हुए थे। जिसका परीक्षाफल आज तक नहीं प्रकाशित हो पाया है। इससे पूर्व 2015 में भी दो चरणों में कुल 120 ठेका मजदूरों का स्थायी किया गया है। उसमें ज्यादा दिनों तक कार्य करने वाले मजदूरों को प्राथमिकता मिली थी।
आज प्रबंधन से मिलेगी यूनियन :
ठेका मजदूरों के स्थायीकरण समेत अन्य मामले में कल मंगलवार को यूनियन का प्रतिनिधिमंडल मिलने वाला है। बात नहीं बनने की स्थिति में यूनियन अपनी रणनीति की घोषणा कर सकती है। इधर मजदूरों में भी आक्रोश कायम है वह यूनियन का स्टैंड दिखने के बाद अपना विरोध शुरू करेंगे। हालांकि इस संबंध में यूनियन अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हुई।
पहले भी हुआ है कई बार आंदोलन : स्थायीकरण का मुद्दा हो या फिर बोनस या वेतन बढ़ोतरी का मामला इसे लेकर कंपनी में कई बार बवाल हुआ है। हाल ही में मजदूरों ने बोनस व वेतन समझौते को लेकर आंदोलन किया था जिस पर प्रबंधन ने पहल की थी। स्थायीकरण की सूची प्रकाशित करने के मामले में प्रबंधन आज कल कर रहा है। हालांकि इस संबंध में बात करने के लिए प्लांट हेड विनित अग्रवाल के मोबाइल से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया।
10 एकड़ की जमीन पर बनी है कंपनी : स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स करीब 10 एकड़ की जमीन पर बनी हुई है। फिलहाल कंपनी में 130 स्थायी कर्मी, 400 सुपरवाइजर से ऊपर के अधिकारी व 950 ठेका मजदूर कार्यरत हैं। टाटा स्टील की 13 फीसद हिस्सेदारी है। इसकी पहली कंपनी चंडीगढ़ 1980 में तथा दूसरी चेन्नई में 2008 में शुरू हुई है। टाटा स्टील से रव मेटेरियल लेकर यह व्हील्स बनाती है। फिर टाटा समूह के अलावा अन्य कंपनियों को रिम प्रदान करती है। सालाना उत्पादन लक्ष्य सात लाख तक आंका गया है।