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स्‍टार्टअप को झारखंड में लगा ब्रेक, देश में अंतिम पायदान पर Jamshedpur News

झारखंड सरकार ने 2017 में पहल की जिसमें अब तक 322 उद्यमियों को साक्षात्कार के बाद चुना गया। विडंबना यह है कि इनमें से कोई भी अब तक अपना उद्यम शुरू नहीं कर सका है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 02:47 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 02:47 PM (IST)
स्‍टार्टअप को झारखंड में लगा ब्रेक, देश में अंतिम पायदान पर Jamshedpur News
स्‍टार्टअप को झारखंड में लगा ब्रेक, देश में अंतिम पायदान पर Jamshedpur News

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। स्टार्टअप योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 को स्वतंत्रता दिवस पर की थी। उद्देश्य था कि छोटे उद्यमी नए विचारों के साथ ऐसे उद्यम खड़ा करें, जिसमें अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो। इस घोषणा पर झारखंड सरकार ने 2017 में पहल की, जिसमें अब तक 322 उद्यमियों को साक्षात्कार के बाद चुना गया। विडंबना यह है कि इनमें से कोई भी अब तक अपना उद्यम शुरू नहीं कर सका है।

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इसकी वजह है कि इन्हें सरकार से जो अनुदान राशि मिलनी थी, नहीं मिली। इनमें से सिर्फ 22 उद्यमियों को सीड मनी के रूप में दो-दो लाख रुपये ही दिए गए हैं, शेष 300 को एक रुपया भी नहीं मिला। झारखंड की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले जमशेदपुर में तो इसकी स्थिति और भी खराब है। यहां स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेटर भी विकसित नहीं किया जा सका है, जबकि यहां एनआइटी, एनएमएल, एक्सएलआरआइ जैसे नामी संस्थान हैं। ऐसे में जिन उद्यमियों को दो-दो लाख रुपये मिले और जिन्हें नहीं मिला, दोनों हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

सरकार गंभीर, सिस्टम लापरवाह

ऐसा नहीं है कि झारखंड सरकार स्टार्टअप योजना को लेकर गंभीर नहीं है, लेकिन सिस्टम की वजह से इसमें ब्रेक लगा हुआ है। सरकार ने तो इसके लिए आइआइएम अहमदाबाद से अनुबंध भी कर लिया है, जिस पर हर साल करोड़ों खर्च हो रहे हैं। यह सिस्टम की ही खामी है कि उद्यमियों का चयन होने के बाद उन्हें राशि नहीं दी जा सकी। उद्यमी इससे संबंधित किसी जानकारी के लिए सिर्फ रांची स्थित आईटी विभाग से ही संपर्क कर सकते हैं। स्टार्टअप को उद्योग व श्रम विभाग से अलग रखा गया है।

पैसा मिले, तब तो शुरू करें काम

स्टार्टअप योजना के लिए चयनित व दो लाख रुपये पाने वाले 22 लाभुकों में से एक प्रमोद कुमार सिंह बताते हैं कि हम अपने उद्यम को बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं, लेकिन पैसा मिले तब तो काम शुरू करें। यह ऐसी योजना है, जिसमें कोई भी युवा तनावमुक्त होकर उद्यम चला सकता है। हमें सरकार जो 25 लाख रुपये देगी, ना तो उस पर कोई ब्याज देना है, ना लौटाना है। इतनी बढ़िया योजना प्रशासनिक व्यवस्था की सुस्ती या लापरवाही की वजह से उद्यमी या सरकार को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

देश में झारखंड अंतिम पायदान पर

स्टार्टअप योजना में प्रदर्शन के आधार पर भारत सरकार के नीति आयोग ने 18 अक्टूबर को बड़े राज्यों की जो सूची जारी की है, उसमें अंतिम पायदान पर छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड का ही नाम है। शीर्ष पर कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र व तेलंगाना हैं।


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