जासं, जमशेदपुर : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव केके सोन जब एमजीएम अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने ने कई निर्देश दिए। इसमें पांच निर्देश प्रमुख हैं।
- मार्च तक खुलेगा दो जनऔषधि केंद्र : सचिव ने एमजीएम उपाधीक्षक से जन औषधि केंद्र के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी तक नहीं खुला है। इसके बाद उन्होंने कहा कि जब केंद्र ही नहीं खुला है तो मरीज को दवा कैसे उपलब्ध कराई जाती है। सचिव ने एमजीएम में दो जन-औषधि केंद्र खोलने का निर्देश दिया है। इसके लिए उन्होंने मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक का समय दिया है।
- एक साल से बंद है आयुष्मान योजना : कोरोना के बाद से एमजीएम अस्पताल में लगभग एक साल से आयुष्मान योजना बंद पड़ी है। इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। इसे सुनकर सचिव भड़क गए और उन्होंने कहा कि इसे तत्काल शुरू किया जाए। एमजीएम में आयुष्मान योजना से संबंधित 35 लाख रुपये पड़ा हुआ है। सचिव ने लाभुकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ मिलने वाली राशि को अस्पताल हीत में खर्च करने का निर्देश दिया। सचिव ने कहा कि अप्रैल माह में जब दोबारा आएंगे तो यह समस्या नहीं सुनने को मिलना चाहिए।
- अस्पताल में गंदगी बर्दाश्त नहीं : सचिव अस्पताल में प्रवेश किए तो उन्हें कई स्थानों पर गंदगी दिखा, जिसे देखकर वे भड़क गए। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में गंदगी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। साथ ही जहां-तहां पड़े कंडम बेड सहित अन्य समानों को भी हटाने का निर्देश दिया।
- जर्जर भवन घोषित होगा कंडम
: सचिव ने पूछा कि अस्पताल में कितने जर्जर भवन है। उपाधीक्षक ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कई पुराने भवन जर्जर हो चुका है। इसके बाद सचिव ने कहा कि गुरुवार की शाम तक इसका प्रस्ताव बनाकर भेजे, ताकि उसे कंडम घोषित करने के साथ-साथ उस जगह पर नए भवन बनाया जा सके।
- शुरु होगा फीडबैक सिस्टम
: सचिव ने एमजीएम अस्पताल में फीडबैक सिस्टम शुरू करने का निर्देश दिया है। कहा-अगली बार जब आऊंगा तो उसे देखूंगा। सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया कि अपने-अपने विभाग के आगे एक बॉक्स लगाए। ताकि मरीज जब अस्पताल से घर लौटे तो अपना कुछ संदेश छोड़ कर जाए और उसके आधार पर भी सुधार हो।
------------------------ बेड से लेकर चादर तक दिखा नया
सचिव की आने की खबर दो दिन पूर्व जैसे ही एमजीएम प्रबंधन को मिली तो उनकी अगुवाई की तैयारी में जुट गया। इमरजेंसी विभाग में नया बेड से लेकर चादर तक मरीजों को उपलब्ध कराई गई थी। हर मरीज के बेड पर कंबल भी मौजूद था। इमरजेंसी विभाग में सीनियर डॉक्टर से लेकर नर्स तक राउंड लगाते रहे। मरीजों को कहीं कोई असुविधा नहीं हो इसका विशेष ख्याल रखा गया। जिसे देखकर मरीज भी चौंक गए। आय दिन इमरजेंसी विभाग में एक-एक बेड पर दो-दो मरीज देखने को मिलते थे लेकिन गुरुवार को एक बेड पर सिर्फ एक मरीज ही देखे गए। बाकी मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था।
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मरीजों की भोजन की राशि जल्द बढ़ेगी
सचिव ने कहा कि एमजीएम में भोजन की राशि जल्द बढ़ाई जाएगी। अस्पताल प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव तैयार कर भी भेजा है। फिलहाल भर्ती मरीजों के लिए प्रति मरीज प्रतिदिन भोजन हेतु 50 रुपये मिलता है। जिसे बढ़ाकर 100 रुपये किया जा सकता है।
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एमजीएम प्रबंधन ने सचिव को दिया प्रस्ताव
- दंत विभाग, मनोचिकित्सक विभाग, बर्न युनिट, प्लास्टिक सर्जरी विभाग व रेडियोथेरेपी विभाग का भी शुरू होगा ओपीडी।
- रेडियोलॉजी विभाग के लिए नए भवन निर्माण की आवश्यकता।
- इमरजेंसी विभाग, आइसीयू, सीसीयू के लिए अलग से नए भवन बनाने की आवश्यकता है।
- मरीजों के स्वजनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था एवं रात्रि विश्राम गृह का निर्माण की आवश्यकता है।
- ओपीडी में मरीज एवं परिजनों की वृद्धि को देखते हुए सेंट्रल रजिस्ट्रेशन एवं वेटिग हॉल का निर्माण की आवश्यकता है।
- नए ओपीडी भवन की आवश्यकता है।
- पुराने जर्जर भवनों को कंडम घोषित एएनएम स्कूल को तोड़कर नए जी 4 भवन बनाने की आवश्यकता है, ताकि अन्य विभाग वहां स्थापित किया जा सकें।
- कोविड वार्ड एवं संक्रमण रोग के लिए अलग भवन की आवश्यकता।
- मशीन-उपकरणों के रख-रखाव एवं मरम्मति हेतु मेडिसिटी के बाद नए एजेंसी के चयन की आवश्यकता।
- अस्पताल परिसर में रोड आदि का निर्माण की आवश्यकता।
- फिजियोथेरेपी युनिट कमरा का निर्माण की आवश्यकता।
- अस्पताल परिसर में भवन निर्माण विभाग, विद्युत विभाग एवं पीएचईडी विभाग के द्वारा मरम्मति एवं अन्य निर्माण कार्य के कारण गंदगी होना।
- आवासीय चिकित्सक, वरीय रेजिडेंट चिकित्सकों हेतु अस्पताल परिसर में आवास का निर्माण की आवश्यकता।
- तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मियों हेतु आवास का निर्माण की आवश्यकता।
- जीएनएम स्कूल में शिक्षकों की कमी।
- अस्पताल में चिकित्सक एवं कर्मचारी की कमी।
- नव निर्मित एवं स्थापित बीएससी नर्सिंग स्कूल के संचालन हेतु शिक्षक एवं अन्य कर्मियों के पद सृजन कर पदस्थापना।
- प्लास्टिक सर्जरी विभाग के लिए नए भवन की आवश्यकता।
- दवा आदि हेतु भंडारण गृह, वेयर हाउस के निर्माण के संबंध में।
- मशीन-उपकरणों, उपस्कर एवं अस्पताल फर्नीचर की आवश्यकता।
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पुलिस वाहन में फर्स्ट एड किट रखने के निर्देश
सचिव केके सोन ने पुलिस वाहन में फर्स्ट एड किट उपलब्ध कराने एवं पुलिस कर्मियों को बेसिक ट्रेनिग का निर्देश सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा दिया। सचिव ने कहा कि किसी भी दुर्घटना में फर्स्ट रिस्पॉन्डर पुलिस होती है। ऐसे में आवश्यक है कि उनके पास फर्स्ट एड किट हो ताकि घायल लोगों को कुछ प्राथमिक उपचार मिल सकें।
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